मप्र में पहली मशीनीकृत रसोई! हर घंटे बनेंगे 20 हजार रोटी, 12 हजार लीटर दाल और 125 किलो चावल

मप्र में पहली मशीनीकृत रसोई! हर घंटे बनेंगे 20 हजार रोटी, 12 हजार लीटर दाल और 125 किलो चावल
MP News: एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान आज भोपाल में अक्षय पात्र किचन का उद्घाटन करेंगे। आपको बता दें कि इस किचन के जरिए भोपाल (Bhopal News) के 900 स्कूलों में लंच परोसा जाएगा.
Mp Akshaya Patra Kitchen : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल में आज से एक ऐसी रसोई का उद्घाटन होने जा रहा है, जो करीब 50 हजार बच्चों को एक साथ भोजन परोसेगी. आपको बता दें कि इस किचन का नाम अक्षय पात्र किचन है, जिसे अक्षय पात्र फाउंडेशन (अक्षय पात्र फाउंडेशन) ने पीएम पोषण अभियान के तहत बनाया है। इस किचन का उद्घाटन आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (सीएम शिवराज सिंह चौहान) करेंगे। यह मप्र का पहला मैकेनाइज्ड किचन है।
50 हजार बच्चों को मिलेगा दोपहर का भोजन
इस रसोई के जरिए राजधानी भोपाल के 50 हजार बच्चों को खाना उपलब्ध कराया जाएगा. यह रसोई राजधानी भोपाल से 40 किलोमीटर तक की दूरी वाले स्कूलों में अपनी सेवांए देगी. इस रसोई में 150 कर्मचारी रोज़ खाना बनाने का काम करेंगे. इस मैकेनाइज्ड किचन में हर घंटे करीब 20 हजार रोटियां बनाई जाएगी.
MP का पहली मैकेनाइज्ड किचन
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अक्षय पात्र रसोई खुलने के बाद ये एमपी का पहली मैकेनाइज्ड किचन होगा. आपको बता कि इस रसोई में पूरा खाना हाइजीनिक तरीके से बनाया जाएगा. इस किचन में सब्जियां छीलने काटने से लेकर आटा गूंथने और रोटियां सेंकने तक का पूरा प्रोसेस मशीनों के जरिए होगा. इसके अलावा इस रसोई में 12 हजार लीटर दाल, 125 किलो चावल एक साथ पक सकेंगे. इस रसोई को बनाने में कुल 12 करोड़ की लागत आई है.
इसलिए बनाई गई रसोई
राज्य में आए दिन सरकारी स्कूलों में दोपहर के भोजन में गड़बड़ी की शिकायत स्थानीय प्रशासन व उच्च अधिकारियों को मिलती थी. जिसको लेकर काफी दिक्कतों का सामना किया जाता था. कभी बच्चे खाने की क्वालिटी की शिकायत करते थे तो कभी कोई और गड़बड़ी मिलती थी. पर अब ऐसा कहा जा रहा है कि इस किचन के जरिए बच्चों को पौष्टिक और अच्छा भोजन मिलेगा.
अक्षय पात्र फाउंडेशन ने 65 किचन तैयार किए हैं
अक्षय पात्र फाउंडेशन ने अब तक देश भर में कुल 65 रसोई घर तैयार किए हैं। आज इस किचन के उद्घाटन के बाद यह देश का 66वां किचन होगा. इस किचन के अधिकारियों ने बताया कि यह किचन दो साल पहले बनकर तैयार हुआ था लेकिन कोरोना संकट के चलते इसकी सेवाएं शुरू नहीं हो सकीं. लेकिन अब इस किचन से भोपाल के 900 स्कूलों के करीब 50 हजार बच्चों को अच्छा और स्वादिष्ट खाना मिलेगा.
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