
दोनों हाथों से लिखने की इस कला में माहिर हैं वीणा वादिनी पब्लिक स्कूल (Veena Vadini Public School) के 100 से ज्यादा बच्चे वीना वादिनी पब्लिक स्कूल (Veena Vadini Public School SINGRAULI) के 100 से ज्यादा बच्चे दोनों हाथों से लिखने की इस कला में माहिर हैं.
अवनीश तिवारी
संपादक – नई ताक़त न्यूज़ नेटवर्क
सिंगरौली। मध्य प्रदेश (MP) के सिंगरौली (SINGRAULI) जिले में एक अनोखा स्कूल (unique school) है। अनोखा इसलिए क्योंकि यहां के बच्चे दोनों हाथों से लिख सकते हैं। इससे भी ज्यादा हैरानी की बात यह है कि दोनों हाथ एक ही समय में अलग-अलग भाषाओं में लिख सकते हैं। यह देश का संभवत: पहला स्कूल (SCHOOL) है जहां बच्चों ने इस तरह की कला में महारत हासिल की है।
वीणा वादिनी पब्लिक स्कूल ((Veena Vadini Public School)) बुधेला सिंगरौली जिला मुख्यालय से करीब 15 किमी दूर है। यह स्कूल देखने में सामान्य स्कूल जैसा ही लगता है, लेकिन इसके भीतर बच्चों को कमाल की कलाएं सिखाई जाती हैं. यहां के बच्चों को जो कला सिखाई जाती है वह किसी करिश्मे या चमत्कार से कम नहीं है। क्योंकि यहां पढ़ने वाले बच्चे दोनों हाथों से एक साथ अलग-अलग भाषाओं में लिख सकते हैं। ऐसा लिखने वाले एक-दो बच्चे नहीं हैं, बल्कि 100 से ज्यादा बच्चे इस कला में दक्ष हैं।
इस तरह उन्हें इस कला को सिखाने की प्रेरणा मिली
यह देश का संभवत: पहला स्कूल है जहां बच्चे इस तरह की खास कला सीखते हैं। सिंगरौली के बुधेला वीणा वादिनी पब्लिक स्कूल की शुरुआत 1999 में हुई थी. इस स्कूल की शुरुआत वीरंगत शर्मा ने की थी। उनका कहना है कि उन्हें यह सीख देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद से मिली। जिनके बारे में वीरंगत शर्मा ने पढ़ा था कि वे दोनों हाथों से लिखते थे।
मनोचिकित्सकों के वैज्ञानिक तर्क
इस शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए वीरंगत शर्मा ने सिंगरौली में एक स्कूल शुरू किया। फिर बच्चों के साथ प्रयोग किया और आज सभी बच्चे इस कला में पारंगत हो गए हैं। इस कला के बारे में सिंगरौली जिला अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. से बात की। उनका कहना है कि बच्चों का दिमाग उसी तरह काम करेगा जिस तरह उन्हें ढाला जाएगा।
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