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Edible Oil Price : तेल की कीमतों में आई भारी गिरावट,देखिए आज का ताज़ा रेट

Edible Oil Price: ब्राजील और अमेरिका में इस बार सोयाबीन अच्छी मात्रा में बोई गई है। एक बार उत्पादन शुरू हो जाने के बाद तिलहन की कीमतें लंबे समय तक दबाव में रहेंगी और तेल मिलों की स्थिति और खराब हो सकती है। इससे सोयाबीन दाना और सोयाबीन डीवेल्डेड केक (डीओसी) के भाव टूट गए हैं।

Edible Oil : देश के आम लोगों को बड़ी राहत मिली। दरअसल, लंबे समय तक तेल की कीमतों में गिरावट के बाद तेल की कीमतों में फिर गिरावट आई है। विदेशी बाजारों में गिरावट के बीच शनिवार को दिल्ली के तेल-तिलहन बाजार में खाद्य तेल तिलहन की कीमतों में गिरावट का रुख रहा। सरसों, मूंगफली, सोयाबीन तिलहन, कच्चा पाम तेल (सीपीओ) और पामोलिन और बिनौला तेल की कीमतें गिरावट के साथ गिरावट के साथ बंद हुई। बाजार सूत्रों के मुताबिक देर रात मलेशिया एक्सचेंज के भाव में गिरावट दर्ज की गई। कल शाम उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद शिकागो एक्सचेंज रातोंरात 1.3 प्रतिशत गिर गया।

कीमतों में गिरावट

सूत्रों ने कहा कि इस बार ब्राजील और अमेरिका में सोयाबीन की भारी बिजाई बेहतर मात्रा में हुई है. इसके उत्पादन के आने के बाद तेल तिलहन कीमतों पर दवाब लंबे समय तक बने रहने की संभावना है और तेल मिलों की हालत और खराब हो सकती है. इसी कारण से सोयाबीन दाना और सोयाबीन डीआयल्ड केक (डीओसी) के दाम टूट गये थे. लिवाल की स्थिति इतनी बुरी है कि महाराष्ट्र के सोयाबीन किसान मध्य प्रदेश में सोयाबीन की बिक्री कर रहे हैं. इन्हीं कारणों से सोयाबीन तेल तिलहन कीमतों में गिरावट है.

इन्हें कर सकता है प्रभावित

सूत्रों ने कहा कि चीन की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी (कैपको) का कांडला पोर्ट पर संयंत्र है जो तयशुदा शुल्क (फिक्स्ड ड्यूटी) पर 30 जून तक थोक में नंबर एक गुणवत्ता वाला रिफाइंड सोयाबीन तेल 82 रुपये लीटर पर बेच रही है. यानी अब सरकार आयात शुल्क बढ़ा भी दे तो ग्राहकों को इसी 82 रुपये के भाव खाद्यतेल मिलेगा. विदेशों में खाद्य तेल तिलहन के बाजार टूट रहे हैं. कोई लिवाल कितनी भी मात्रा में यहां से थोक में खाद्यतेल खरीद कर सकते हैं. देश की कंपनियां के एमआरपी अधिक होने से लिवाल इस बहुराष्ट्रीय कंपनी से तेल खरीद रहे हैं. यह देशी तेल तिलहन बाजार की धारणा को तो खराब करेगा ही, देशी तेल मिलो, विशेषकर देश के सरसों, बिनौला, सूरजमुखी और सोयाबीन किसानों को गंभीर रुप से प्रभावित कर सकता है.

तेल तिलहन उद्योग

सूत्रों ने कहा कि देश में दूध सहित कई अन्य वस्तुओं की महंगाई बढ़ी है लेकिन सबसे अधिक शोर तेल तिलहन की महंगाई पर ही होता है जबकि प्रति व्यक्ति खपत, दूध के मुकाबले खाद्यतेल की काफी कम है. सूत्रों ने कहा कि साल भर पहले मई में सूरजमुखी तेल का दाम 2,500 डॉलर प्रति टन हुआ करता था और मौजूदा समय में भाव 940 डॉलर प्रति टन है. इससे देशी तेल तिलहन उद्योग तबाह हुए, बैंकों का पैसा बर्बाद हुआ, काफी संख्या में लोग बेरोजगार हुए, इन सब चीजों के बारे में तेल संगठन सहित जिम्मेदार लोगों को आगे आकर सुध लेनी चाहिए.

शनिवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे-

सरसों तिलहन – 4,950-5,050 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल.
मूंगफली – 6,500-6,560 रुपये प्रति क्विंटल.
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 16,250 रुपये प्रति क्विंटल.
मूंगफली रिफाइंड तेल 2,430-2,695 रुपये प्रति टिन.
सरसों तेल दादरी- 9,540 रुपये प्रति क्विंटल.
सरसों पक्की घानी- 1,620-1,700 रुपये प्रति टिन.
सरसों कच्ची घानी- 1,620-1,730 रुपये प्रति टिन.
तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल.
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 9,850 रुपये प्रति क्विंटल.
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 9,640 रुपये प्रति क्विंटल.
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,140 रुपये प्रति क्विंटल.
सीपीओ एक्स-कांडला- 8,480 रुपये प्रति क्विंटल.
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 8,680 रुपये प्रति क्विंटल.
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 9,840 रुपये प्रति क्विंटल.
पामोलिन एक्स- कांडला- 8,880 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल.
सोयाबीन दाना – 5,150-5,225 रुपये प्रति क्विंटल.
सोयाबीन लूज- 4,925-5,005 रुपये प्रति क्विंटल.
मक्का खल (सरिस्का)- 4,010 रुपये प्रति क्विंटल..

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