Sarso Tel Price : सरसों तेल के रेट में भारी गिरावट,देखिए आज का नया भाव

इस समय देश की आम जनता को बड़ी राहत मिली है। दरअसल, लंबे समय तक तेल की कीमतों में गिरावट के बाद तेल की कीमतों में फिर गिरावट आई है। विदेशी बाजारों में गिरावट के बीच शनिवार को दिल्ली के तेल-तिलहन बाजार में खाद्य तेल और तिलहन की कीमतों में गिरावट का रुख रहा।
गिरावट के कारण सरसों, मूंगफली, सोयाबीन तेल तिलहन, कच्चा पामतेल (CPO) एवं पामोलीन तेल तथा बिनौला तेल की कीमतें हानि दर्शाती बंद हुई. बाजार के सूत्रों ने बताया कि मलेशिया एक्सचेंज देर रात को काफी मंदा रहा. शिकागो एक्सचेंज कल शाम को तेज रहने के बाद रात 1.3 फीसदी टूट गया था.
कीमतों में है गिरावट : सूत्रों ने यह भी कहा कि इस बार ब्राजील और अमेरिका में सोयाबीन की भारी बिजाई बेहतर मात्रा में हो रही है. इसके उत्पादन के आने के बाद से तेल तिलहन कीमतों पर दवाब लंबे समय तक बने रहने की संभावना भी है और तेल मिलों की हालत और भी खराब हो सकती है.
इसी कारण से सोयाबीन दाना और सोयाबीन डीआयल्ड केक (DOC) के दाम टूट गये थे. लिवाल की स्थिति इतनी बुरी बनी है कि महाराष्ट्र के सोयाबीन की खेती वाले किसान मध्य प्रदेश में सोयाबीन की बिक्री कर रहे हैं. इन्हीं कारणों से सोयाबीन तेल तिलहन कीमतों में काफी गिरावट है.
इन्हें भी कर सकता है प्रभावित : सूत्रों के अनुसार चीन की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी (कैपको) का कांडला पोर्ट पर संयंत्र है जो तयशुदा शुल्क (फिक्स्ड ड्यूटी) पर 30 जून तक थोक में नंबर एक गुणवत्ता वाला रिफाइंड सोयाबीन तेल 82 रुपये प्रति लीटर पर बेच रही है. यानी अब सरकार आयात शुल्क बढ़ा भी दे तो भी ग्राहकों को इसी 82 रुपये के भाव खाद्यतेल भी मिलेगा. विदेशों में खाद्य तेल तिलहन के बाजार टूट रहे हैं.
कोई लिवाल कितनी भी मात्रा में यहां से थोक में खाद्यतेल को खरीद कर सकते हैं. देश की कंपनियां के MRP अधिक होने से लिवाल इस बहुराष्ट्रीय कंपनी से तेल खरीद रहे हैं. ये देशी तेल तिलहन बाजार की धारणा को तो खराब करेगा ही, देशी तेल मिलो, विशेषकर देश के सरसों, बिनौला, सूरजमुखी और सोयाबीन किसानों को गंभीर रुप से प्रभावित भी कर सकता है.
ये भी पढ़े-Intresting Gk Questions: 18 साल की आयु के बाद लड़की क्या देने के योग्य हो जाती हैं ?
ये भी पढ़े-IAS Interview Questions : ऐसा कौन सा जीव है, जो एक सप्ताह तक अपनी सांस रोक सकता है?