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एक पेड़ पर उगते हैं 165 अलग-अलग तरह के आम,ये कोई चमत्कार से नही हैं कम

अलग-अलग तरह के आमों के अस्तित्व को बचाए रखने के लिए लगभग ढाई दशक से जियागंज बागदोहर के आम उत्पादक और रिसर्चर कुशल घोष उन्हें संरक्षित करने के काम में लगे हुए हैं. उन्होंने ग्राफ्टिंग प्रक्रिया से एक ही पेड़ पर 165 तरह के आम उगाए हैं

मुर्शिदाबाद में आम के रिसर्चर कुशल घोष ने ग्राफ्टिंग प्रोसेस के जरिए एक ही पेड़ पर 165 किस्म के आम उगाकर एक नई मिसाल कायम की है.

इस आम उत्पादक ने एक ही पेड़ पर कोहितूर, बॉम्बे, हिमसागर, लंगड़ा, सारंगा, बिमली, बीरा, चंपा, रानी पसंद, पाइनएप्पल, अल्फांसो, फजली, गोलपखास, पंजावर्णम जैसी 165 आम की प्रजातियां पैदा की हैं.

समय के साथ आम के बाग कटते चले गए और उनकी जगह नई-नई बस्तियों ने ले ली. हालांकि आम के कुछ बाग अब भी मौजूद हैं लेकिन अब आम के पेड़ों की सभी प्रजातियां नहीं पाई जाती हैं.

कुशल घोष क्रॉस ब्रीडिंग के जरिए लाम्बो, श्यामभोग आदि आम की नई किस्मों का उत्पादन भी किया है. उनका दावा है कि इन मिश्रित प्रजाति के आमों का स्वाद और सुगंध भी बेजोड़ है.

कुशल घोष का आम का बगीचा जियागंज शहर में बागदोहर चौराहे से 100 मीटर दूर उत्तर में स्थित है. हालांकि जियागंज, लालबाग, डोमकल, जंगीपुर सहित कई जिले के विभिन्न हिस्सों में आम के बाग हैं, लेकिन बगदोहर में कुशल के आम का बाग अपनी खास विशेषताओं के चलते दूसरे आम के बागों से काफी अलग है. उन्होंने दावा किया कि उनके बाग में आम के कुछ पेड़ आम की 165 प्रजातियां, कुछ 130 प्रजातियां और कुछ 100 प्रजातियां पैदा करते हैं.

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