Chanakya Niti: इन महिलाओं का न करे कभी अपमान,माँ लक्ष्मी हो जायेगीं नाराज

Chanakya Niti:आचार्य चाणक्य की नीतियां और शिक्षाएं सदियों बाद भी लोगों का मार्गदर्शन कर रही हैं। आचार्य चाणक्य ने भी महिलाओं के उत्थान के बारे में विस्तार से लिखा है। चाणक्य नीति ग्रंथ में आचार्य चाणक्य ने बताया है कि जीवन में आर्थिक तंगी से बचना है और मां लक्ष्मी को हमेशा प्रसन्न रखना है तो इन स्त्रियों का हमेशा सम्मान करना चाहिए,तो आइये जानते है वो कौन-कौन सी स्त्रियां है-
हमेशा अपनी मां का सम्मान करें
आचार्य चाणक्य ने माता-पिता को भगवान का रूप बताया है। आचार्य ने चाणक्य नीति ग्रंथ में कहा है कि माता-पिता का दर्जा बहुत ऊंचा है। हर व्यक्ति को अपनी मां की सेवा करनी चाहिए। माँ के चरणों में स्वर्ग है. मात के प्रति सदैव निःस्वार्थ भावना रखनी चाहिए। माता के आशीर्वाद से संकट के सभी बादल दूर हो जाते हैं।
गुरु की पत्नी
आचार्य चाणक्य ने कहा है कि गुरु की पत्नी भी मां के समान होती है। मां की तरह होने का सदैव सम्मान करना चाहिए। गुरु की सेवा से ही जीवन में सफलता मिलती है। जितना सम्मान गुरु को दिया जाता है उतना ही सम्मान गुरु माँ को भी देना चाहिए।
राजा की पत्नी
आचार्य चाणक्य ने कहा है कि राजा की पत्नी को भी मां का दर्जा प्राप्त होता है। चाणक्य के अनुसार, एक राजा अपनी पूरी प्रजा का बच्चों की तरह पालन-पोषण और रक्षा करता है। उसी प्रकार प्रजा को भी राजा-रानी का अपने माता-पिता के समान ही आदर करना चाहिए।
सास भी माँ के समान होती है
आचार्य चाणक्य ने कहा है कि सास का दर्जा मां के समान होता है। इसलिए सास को मां के समान ही सम्मान देना चाहिए। सास-ससुर का सम्मान और सेवा करने से परिवार में सौहार्द और सद्भाव बना रहता है। सास-ससुर का सम्मान करने से परिवार में रिश्ते मधुर बने रहते हैं।
दोस्त की पत्नी
आचार्य चाणक्य ने कहा है कि दोस्तों के प्रति वफादार और ईमानदार रहना चाहिए। उन्होंने चाणक्य नीति ग्रंथ में कहा है कि मित्र की पत्नी को हमेशा मां के समान दर्जा देना चाहिए। मित्र की पत्नी का भी सदैव सम्मान करना चाहिए। उन्हें सदैव शिष्टाचार और स्नेह देना चाहिए।
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