सही होने की जगह पर हो सकते है बीमार, वायरल बीमारी में भूलकर भी न लें एंटीबायोटिक्स, सावधान रहे सतर्क रहे

चिकित्सा अधीक्षक(Medical Superintendent) डाॅ. सुरेश कुमार ने कहा कि एंटीबायोटिक्स बैक्टीरियल संक्रमण(bacterial infection) के लिए दी जाती हैं जबकि वायरल समस्याएं वायरस के कारण होती हैं। ऐसे में एंटीबायोटिक का वायरस(antibiotic virus) पर कोई प्रभाव नहीं होता-
अगर आप वायरल संक्रमण से पीड़ित हैं तो एंटीबायोटिक्स लेना न भूलें। यह आपको ठीक करने के बजाय और अधिक बीमार बना देता है। इसके बावजूद अस्पताल में बड़ी संख्या में ऐसे मरीज पहुंच रहे हैं, जिन्होंने स्वेच्छा से या निजी संस्थानों के डॉक्टरों की सलाह पर दवा के साथ एंटीबायोटिक भी ली है।
पिछले कुछ महीनों से देखा जा रहा है कि वायरल के मरीजों को तीन से चार सप्ताह तक परेशानी हो रही है। ऐसे में डॉक्टरों ने मरीजों को सतर्क रहने को कहा है. लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. सुरेश कुमार ने कहा कि एंटीबायोटिक्स बैक्टीरियल संक्रमण के लिए दी जाती हैं जबकि वायरल समस्याएं वायरस के कारण होती हैं। ऐसे में एंटीबायोटिक का वायरस पर तो कोई असर नहीं होगा, लेकिन मरीज को डायरिया, शरीर में पानी की कमी और रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने समेत अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
डॉ. कुमार ने कहा कि अगले दो-तीन सप्ताह तक मरीजों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. आने वाले दिनों में मौसम में बदलाव, प्रदूषण और अन्य कारणों से वायरल के मामले बढ़ सकते हैं। इस बार वायरल की समस्या सामान्य से ज्यादा समय तक परेशान कर रही है। अस्पताल में आने वाले मरीजों के आंकड़े बताते हैं कि ऐसे मरीज दो से तीन सप्ताह तक परेशान रहते हैं।
एंटीबायोटिक्स की जरूरत नहीं है
एम्स में माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डाॅ. पूर्वा माथुर और ट्रॉमा सेंटर के प्रमुख डॉ. कामरान फारूक ने कहा कि वायरल बीमारियों में एंटीबायोटिक्स की जरूरत नहीं होती है, लेकिन देखा जा रहा है कि कुछ डॉक्टर वायरल बीमारियों में एंटीबायोटिक्स दे रहे हैं, जिससे मरीजों की परेशानी बढ़ जाती है. उन्होंने कहा कि ऐसे मरीजों को वायरल संक्रमण के लिए एंटीबायोटिक न लेने की सलाह जारी की गई है.
ताजा और पौष्टिक आहार ले
आने वाले दिनों में बुजुर्गों, छोटे बच्चों और बीमार लोगों को विशेष ख्याल रखना होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि अगले दो से तीन सप्ताह में वायरल का प्रकोप फिर से बढ़ सकता है। ऐसे में जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है वे आसानी से इसकी चपेट में आ सकते हैं। ऐसे मरीजों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए ताजा और पौष्टिक भोजन करना चाहिए। साथ ही फल और सब्जियां (मौसमी और हरी पत्तेदार सब्जियां) खानी चाहिए।
वायरल प्रकृति में परिवर्तन
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना महामारी के बाद से वायरस की प्रकृति में बदलाव देखा जा रहा है। सामान्य दिनों में यह वायरस पांच दिनों तक रहता है, लेकिन पिछले कुछ महीनों में दो से तीन सप्ताह तक वायरल का प्रकोप देखा जा रहा है। इसके अलावा पोस्ट वायरल इंफेक्शन भी मरीजों को परेशान कर रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि वायरस समय के साथ हमारे शरीर के साथ अपना रूप बदलता है।
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