UP Minister List: मोदी की तीसरी कैबिनेट में बने उत्तर प्रदेश से ये मंत्री, जानिए कैसे सुलझा जातीय और क्षेत्रीय समीकरण

By Ramesh Kumar

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UP Minister List

UP Minister List: देश में लगातार तीसरी बार मोदी सरकार बनने जा रही है. मोदी सरकार 2.0 में उत्तर प्रदेश से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 15 मंत्री थे, जिनमें से सात मंत्री चुनाव हार गए हैं. ऐसे में इस बार मोदी सरकार 3.0 में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी घट गई है. मोदी सरकार की कैबिनेट में इस बार सूबे से कम से कम दस मंत्रियों को जगह मिल सकती है. मोदी सरकार 3.0 ने मंत्रियों के जरिए यूपी के जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को साधने की कोशिश की है, जिसमें सबसे ज्यादा जगह पहले ओबीसी और फिर दलित समुदाय को मिली है–UP Minister List

उत्तर प्रदेश से जिन नेताओं को मोदी कैबिनेट में जगह मिलने की संभावना है उनमें लखनऊ से लगातार तीसरी बार जीत हासिल करने वाले राजनाथ सिंह, पीलीभीत से सांसद बने जितिन प्रसाद, महराजगंज से सांसद बने पंकज चौधरी, एसपी सिंह बघेल शामिल हैं. आगरा से सांसद बने, बासगांव से सांसद कमलेश पासवान, गोंडा से सांसद कृति वर्धन सिंह और राज्यसभा सांसद बीएल वर्मा.

यूपी में बीजेपी के सहयोगी के तौर पर आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी और अपना दल (एस) अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल को मोदी कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है. इसके अलावा हाथरस से सांसद अनूप वाल्मिकी की जगह भी एक नाम शामिल किया जा सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार वाराणसी से सांसद चुने गए हैं, जहां वह यूपी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं |

जाति समीकरण साधने की योजना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओबीसी समुदाय से सबसे बड़ा चेहरा हैं, इसलिए वह तीसरी बार पीएम बनने जा रहे हैं। इसके अलावा कुर्मी समुदाय से अनुप्रिया पटेल और पंकज चौधरी को जगह मिली है. जाट समुदाय से आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी को कैबिनेट में जगह दी जा रही है. ओबीसी के लोध समुदाय से बीएल वर्मा को कैबिनेट में जगह दी जा रही है. ब्राह्मण समुदाय से जितिन प्रसाद को कैबिनेट में जगह दी गई है. ठाकुर समुदाय से राजनाथ सिंह और कृति वर्धन सिंह को कैबिनेट में शामिल किया जा रहा है. दलित समुदाय में एसपी सिंह बघेल, जिसमें पासी समाज से कमलेश पासवान और वाल्मिकी समाज से अनुप वाल्मिकी को जगह मिली है |

क्षेत्रीय समीकरण उपकरणों के लिए रणनीतियाँ

पश्चिमी यूपी से सिर्फ जयंत चौधरी को केंद्र में मंत्री बनाया जा रहा है. वे जाट समुदाय से आते हैं और पश्चिमी यूपी में जाटों की संख्या काफी बड़ी है. सहयोगी के तौर पर जयंत को कैबिनेट में जगह मिल रही है, लेकिन उनके जरिए वेस्ट यूपी और जाट दोनों को साधे रखने की रणनीति है. पिछले कार्यकाल में जाट समुदाय से मंत्री रहे संजीव बालियान चुनाव हार गये हैं. ऐसे में जयंत चौधरी को जगह देकर जाटों को साधने की कवायद है. ब्रज क्षेत्र से आने वाले डाॅ. एसपी सिंह बघेल को मंत्री बनाना न सिर्फ दलित समुदाय बल्कि पश्चिमी यूपी और ब्रज को साधे रखने की रणनीति मानी जा रही है |

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