विस्थापन की वेदना और न्याय की पुकार: मोरवा की चेतावनी सभा से उठेगा आवाज़ का तूफ़ान
सिंगरौली, 15 मई 2025 | विशेष रिपोर्ट : अवनीश तिवारी
सिंगरौली की धरती, जिसने वर्षों से विकास और दोहन की मार झेली है, आज एक बार फिर विस्थापन की आंच में झुलस रही है। सरकारी, वन और अनुबंधित भूमि पर बसे हजारों परिवारों के घर उजड़ने की कगार पर हैं, लेकिन पुनर्वास और मुआवज़े की निष्पक्ष व्यवस्था अब तक दूर की कौड़ी बनी हुई है। इन्हीं दर्दभरी सच्चाइयों के खिलाफ अब आवाज़ बुलंद हो रही है।
18 मई को मोरवा में होगी चेतावनी सभा
पूर्व विधायक रामलल्लू वैश्य के नेतृत्व में 18 मई 2025 को शाम 4 बजे, मोरवा बस स्टैंड पर एक विशाल चेतावनी सभा का आयोजन होने जा रहा है। यह सभा विस्थापित परिवारों के हक और न्याय की मांग को लेकर प्रशासन व कंपनियों को एक स्पष्ट संदेश देगी – “अब और नहीं सहेंगे अन्याय।”
यह विस्थापन नहीं, यह सामाजिक पहचान पर हमला है
NCL और अन्य परियोजनाओं की विस्थापन प्रक्रिया में दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है। पट्टेदारों को लाभ मिल रहे हैं, लेकिन दशकों से बसे गैर-पट्टेदार, गरीब और वनवासी परिवार केवल उजड़ने के लिए मजबूर हैं। इनका अपराध बस इतना है कि उन्होंने वर्षों पहले शासकीय या अनुबंधित ज़मीन पर अपना घर बनाया और मेहनत से जीवन जिया।
विस्थापितों की प्रमुख मांगें – सिर्फ अधिकार, कोई एहसान नहीं
सभा के माध्यम से विस्थापित परिवारों ने अपनी मांगे स्पष्ट की हैं:
पट्टेदारों की तर्ज़ पर सभी भूमिहीन व अस्थायी निवासियों को भी मान्यता और लाभ मिले।
प्रत्येक परिवार को ₹15 लाख की आर्थिक सहायता।
हर पात्र सदस्य को अलग से ₹15 लाख की सहायता, जिससे वह भविष्य सुरक्षित कर सके।
वर्तमान ₹5 लाख के विस्थापन भत्ते को ₹10 लाख किया जाए।
पुनर्वास स्थल की बजाय अपनी ज़मीन छोड़ने पर सीधे ₹15 लाख का भुगतान हो।
18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को शिक्षा व भविष्य हेतु प्रोत्साहन राशि।
अनुबंध भूमि पर बने मकानों का भुगतान सीधे भवन स्वामी के खाते में।
मेडिकल कार्ड और बच्चों की शिक्षा के लिए विशेष व्यवस्था।
न्याय की यह पुकार प्रशासन के दरवाज़े तक गूंजनी चाहिए
यह सभा सिर्फ एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि वर्षों से हो रहे अन्याय का जवाब है। यह उन सैकड़ों परिवारों की उम्मीद है, जिनकी पहचान और जीवनशैली आज खतरे में है। पूर्व विधायक रामलल्लू वैश्य और सामाजिक संगठनों की पहल इस आंदोलन को नई दिशा देने जा रही है।
न्याय की यह राह कठिन है, लेकिन जरूरी है।
18 मई को होने वाली यह चेतावनी सभा ना केवल प्रशासन को झकझोरेगी, बल्कि यह संदेश भी देगी कि यदि विस्थापितों की पीड़ा नहीं सुनी गई, तो आंदोलन की ज्वाला और भी व्यापक होगी। इस सभा में जिलेभर के न्यायप्रिय नागरिकों की उपस्थिति न्याय की इस लड़ाई को ताकत देगी।
यह आवाज़, अब दबेगी नहीं
NCL_Official News Group, Dr Mohan Yadav, IG REWA, Madhya Pradesh Police, Kamleshwar Patel, Support For BJP, CM Madhya Pradesh, सिंगरौली पुलिस, Collector Office Singrauli, Jitu Patwari , BJP INDIA, Ncl Jhingurda, NCL HQ, Singrauli NCL Dudhichua