दो दिन से तड़प रही, वन और पंचायत विभाग में दोनों में से किसी ने नहीं कराया एक घायल बंदरिया का इलाज।
SINGRAULI MP : ग्राम पंचायत (gram panchayat) नौढिया गोरबी बाजार (Gorbi Bazaar) में घायल बंदरिया (injured monkey) अपने बच्चे के साथ दो दिनों से तड़प (yearning) रही है, लेकिन उसे कहीं इलाज (Treatment) नहीं मिल रहा है। ग्रामीणों (villagers) ने इसकी शिकायत (Complaint) बार-बार मध्य प्रदेश पशु चिकित्सा एम्बुलेंस सेवा (State Veterinary Ambulance Service) 1962 और वन विभाग गोरबी से की, लेकिन दोनों विभाग (Department) एक-दूसरे पर ज़िम्मेदारी (responsibility) डालते रहे।
वन विभाग (forest department) ने कहा कि लाल बंदर उनके अधिकार क्षेत्र (Jurisdiction) में नहीं आते और यह पंचायत (panchayat) का मामला है। पंचायत (panchayat) ने भी कोई कार्रवाई नहीं की। नतीजतन, घायल बंदरिया (injured monkey) सड़कों पर दर्द से कराह (groan in pain) रही है, जिससे दोनों विभागों की उदासीनता (indifference) को लेकर ग्रामीणों (villagers) में रोष व्याप्त (rage spread) है।







