राजधानी दिल्ली में लाल किला मामले में अब तक को 15 आरोपी हुए गिरफ्तार, तीन को लिया हिरासत में
New Delhi, November 12 (IANS) : दिल्ली विस्फोट (Delhi blast) में जैश-ए-मोहम्मद के लिए कथित तौर पर काम कर रहे एक ‘डॉक्टर आतंकी मॉड्यूल’ (terrorist module) के सिलसिले में कुल 15 लोगों को गिरफ्तार (arrested) किया गया है और तीन को हिरासत में लिया गया है।जम्मू-कश्मीर पुलिस ने ये गिरफ्तारियाँ (arrests) की हैं और अब तक कुल 56 डॉक्टरों से पूछताछ की जा चुकी है। सोमवार शाम 6:52 बजे लाल किले में हुए विस्फोट (explosion) के लिए इस मॉड्यूल को ज़िम्मेदार (responsible) ठहराया जा रहा है।
मृतकों के शवों पर किसी भी विस्फोटक (explosion) सामग्री की मौजूदगी का कोई सबूत नहीं मिला है, हालाँकि जाँचकर्ताओं (investigators) को संदेह है कि विस्फोट में एक संशोधित विस्फोटक (explosion)का इस्तेमाल किया गया होगा, अस्पताल के सूत्रों ने यूनीवार्ता को बताया। यह पूरा मामला श्रीनगर के नौगाम थाना क्षेत्र में सुरक्षा बलों (security forces) को धमकी देने वाले एक आपत्तिजनक पोस्टर (objectionable poster) से शुरू हुआ। इससे पहले, 19 अक्टूबर को धमकी के संबंध में मामला दर्ज किया गया था और जाँच शुरू की गई थी। जाँच के शुरुआती चरण में, शोपियाँ से मौलवी इरफ़ान अहमद वाघ और गंदेरबल के वाकुरा से ज़मीर अहमद को 20 से 27 अक्टूबर के बीच गिरफ़्तार किया गया।
डॉ. आदिल को 5 नवंबर को सहारनपुर से गिरफ़्तार (arrested) किया गया, जिसके बाद 7 नवंबर को अनंतनाग अस्पताल (hospital) से एक एके-47 राइफल और अन्य गोला-बारूद बरामद (Ammunition recovered) किया गया। फिर, 8 नवंबर को फरीदाबाद स्थित अल फलाह विश्वविद्यालय (Al Falah University) से और राइफलें, पिस्तौलें और गोला-बारूद बरामद (Ammunition recovered) किए गए। बाद में हुई पूछताछ में मॉड्यूल के और सदस्यों का पता चला, जिसके परिणामस्वरूप (as a result) डॉ. मुज़म्मिल की गिरफ़्तारी हुई और हथियारों (weapons) और गोला-बारूद का एक बड़ा ज़खीरा ज़ब्त किया गया। 9 नवंबर को फरीदाबाद के धोज निवासी मद्रासी नाम के एक व्यक्ति को गिरफ़्तार किया गया। इसके बाद, 10 नवंबर को फरीदाबाद की ढेरा कॉलोनी स्थित अल फलाह मस्जिद के इमाम हाफ़िज़ मोहम्मद इश्तियाक के आवास से 2,563 किलोग्राम विस्फोटक (explosive) बरामद किया गया।
इसके अलावा, छापों में 358 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री,(Satchel charge) डेटोनेटर और टाइमर बरामद (timer recovered) किए गए, जिससे विस्फोटकों की कुल मात्रा लगभग 3,000 किलोग्राम हो गई। पुलिस सूत्रों के अनुसार, अल फलाह विश्वविद्यालय का एक कर्मचारी और मॉड्यूल का कथित सदस्य डॉ. उमर मोहम्मद इन अभियानों के दौरान भूमिगत हो गया।यह दिल दहला (heart breaking) देने वाला विस्फोट 10 नवंबर की शाम को राष्ट्रीय राजधानी (National Capital) में लाल किले के पास हुआ, जिसके बाद दिल्ली पुलिस, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी), राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) और फोरेंसिक टीमें हरकत में आईं।
जांच से संकेत मिला है कि उमर अल फलाह विश्वविद्यालय (Falah University) में छात्रों को कट्टरपंथी (fundamentalist) बना रहा था। यह विश्वविद्यालय इस मॉड्यूल का संचालन केंद्र (operations center) था। उमर के पड़ोसी और सहयोगी डॉ. मुज़म्मिल शकील को गिरफ्तार (arrested) कर लिया गया है। विस्फोट में इस्तेमाल की गई कार शाहीन शाहिद के नाम पर पंजीकृत थी, जिसे बाद में लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया गया। डॉ. शाहीन शाहिद की पहचान उस महिला के रूप में हुई है जिसने भारत में जैश-ए-मोहम्मद के अभियानों की कमान संभाली थी। उसने कथित तौर पर लगभग दो साल तक विस्फोटक (explosive) जमा करने और सहयोगी डॉक्टरों के साथ एक बड़े आतंकवादी (Terrorist) हमले की साजिश रचने की बात कबूल की है।
पुलिस सूत्रों ने कहा, “सीसीटीवी फुटेज (cctv footage) से पता चलता है कि डॉ. उमर मोहम्मद गाड़ी चला रहे थे और विस्फोट में इस्तेमाल किए गए विस्फोटक फरीदाबाद में जब्त किए गए विस्फोटकों से मेल खाते हैं।” अधिकारी अभी भी इस बात की जाँच कर रहे हैं कि विस्फोट पूर्व नियोजित था या उमर के भागते समय घबराहट (Nervousness) के कारण हुआ एक आकस्मिक विस्फोट (accidental explosion) । जाँच में यह भी पता चला कि वाहन (Vehicle) दिल्ली लाए जाने से पहले 29 अक्टूबर से 10 नवंबर तक फरीदाबाद के धौज स्थित अल-फलाह मेडिकल कॉलेज (medical college) में खड़ा था। मॉड्यूल और व्यापक नेटवर्क के वित्तपोषण (financing) की जाँच के लिए मामला औपचारिक (formal) रूप से 11 नवंबर को एनआईए को सौंप दिया गया था।







