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चीटियां खुद को लगी चोट को कर लेती खुद ही ठीक ,मेटाबेल चींटियों में होता है एक शानदार उन्नत हेल्थकेयर सिस्टम
लंदन (ईएमएस)। चीटियां खुद को लगी चोट को खुद ही ठीक कर लेती हैं और इतना ही नहीं इसके लिए वे खुद ही antibiotic बना लेती हैं। शोधकर्ताओं ने इस चौंकाने वाली खोज में पाया है कि मेटाबेल चींटियों में एक शानदार उन्नत हेल्थकेयर सिस्टम होता है जो चींटियों में क्या किसी भी जानवर में इससे पहले नहीं देखा जा सका है।
यूनिवर्सिटी ऑफ वुर्जबर्गक (University of Wurzburg) के विशेषज्ञों का कहना है कि ये चींटियां ना केवल संक्रमित हो चुके घावों की पहचान कर सकती हैं बल्कि इनके इलाज के लिए एंटी बायोटिक भी खुद ही बना लेती हैं।चींटियों सहित कई सामाजिक कीटों में देखने में आया है कि वे रोगाणुओं से लड़ने के लिए खास तरीके इस्तेमाल करते हैं। वे अपने घर या घोंसलों को डिसइन्फेक्ट रखने जैसे कई रोकथाम के उपाय करते हैं। यहां तक कि कई कीटों को तो आइसोलेशन जैसे उपाय भी अपनाते हुए पाया गया है।फिर भी समाजिक कीटों की कॉलोनी में देखभाल कैसे की जाती है औरवे संक्रमणों से कैसे निपटा जाता है यह अच्छे से समझा नहीं गया था। सहारा रेगिस्तान में रहने वाली मेटाबेल चींटियों में खास तरह की खुराक होती है, वे दीमक का शिकार कर उनको खाती हैं। शिकार करने दौरान उन्हें कई खतरों का सामना करना होता है। मेटाबेल चींटियों को शिकार करने की वजह से वे कई बार घायल हो जाती हैं। रोचक बात यह है कि ये अपनी घायल साथियों वापस अपने घरों पर लाती हैं और उनकी देखभाल करती हैं।
इन चींटियो में घाव ज्यादा तो होते ही हैं इन घावों में संक्रमण भी ज्यादा होते है। इससे निपटने के लिए उन्होंने अनोखा हुनर पैदा कर लिया है। वे संक्रमित घावों की पहचान कर उनके लिए शरीर में एंटी बायोटिक पैदा कर लेते हैं। चींटी इंसानों के लिए एक हैरान करने वाली जीव हैं। जिस तरह से वे मेहनत करती हैं मिलजुल कर शानदार तरीके से अपने घर बनाती हैं, वह इंजीनियरों तक को प्रेरित करता है।
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