दिल्ली के सरकारी स्कूल, प्राइवेट से आगे निकल गए हैं, चार साल में 3 लाख से ज्यादा बच्चों ने प्राइवेट स्कूल छोड़कर हमारे स्कूलों में एडमिशन लिया: मंत्री आतिशी

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दिल्ली के सरकारी स्कूल, प्राइवेट से आगे निकल गए हैं, चार साल में 3 लाख से ज्यादा बच्चों ने प्राइवेट स्कूल छोड़कर हमारे स्कूलों में एडमिशन लिया: मंत्री आतिशी

नई दिल्ली (ईएमएस)। दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि हम अपने स्कूलों में जो देख रहे हैं, वह सिर्फ आज की तस्वीर नहीं है, बल्कि आने वाले सालों में हमारे देश की क्या तस्वीर होने वाली है, वह दिखाती है। आज हमारे स्कूलों में पढ़ाई का जो माहौल है. बच्चों में जिस एक्सीलेंस को देख रहे है. शिक्षकों के टीचिंग-लर्निंग के तरीकों में जो बदलाव देख रहे हैं, इन सब पर बहुत गर्व होता है. ये बातें दिखाती है कि आने वाले 20-30 सालों में हमारा देश किन ऊंचाइयों तक जाएगा। उन्होंने कहा कि आज जिन देशों को विकसित मानते हैं. जिन्हें हर चीज में आगे माना जाता है। चाहे वह अमेरिका हो या फिर यूरोपीय देश। ये सारे देश दुनिया में विकसित इसलिए माने जाते हैं, क्योंकि इन सभी देशों ने अपने हर अमीर और गरीब बच्चे को सबसे शानदार शिक्षा दी। यह सपना दिल्ली और दिल्ली के हर बच्चे के लिए 9 साल पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने देखा था। अमीर और गरीब, हर परिवार से आने वाले बच्चे को बराबरी का अवसर मिलना चाहिए। इसी प्रयास में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांति आई है। जिसको हमारे बच्चे अपने एकेडमिक और अन्य क्षेत्रों में एक्सीलेंस के माध्यम से दिल्ली सहित पूरे देश को दिखा रहे हैं।

 

 पिछले 7 साल से लगातार दिल्ली के सरकारी स्कूलों के नतीजे प्राइवेट स्कूलों से बेहतर आ रहे हैं

शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि हम यह सपना देखा करते थे कि एक दिन सरकारी स्कूल प्राइवेट स्कूलों से आगे निकल जाएंगे। 9 साल पहले जब यह बात हुआ करती थी तो बहुत से लोग हम पर हंसते थे। उनको लगता था कि टूटे-फूटे सरकारी स्कूल, जहां ग़रीब परिवारों के बच्चे पढ़ने आते हैं, टीचर पढ़ाते नहीं हैं, वो सरकारी स्कूल प्राइवेट स्कूलों से आगे कैसे निकल सकते हैं। लेकिन आज 9 साल के अथक प्रयास के बाद दिल्ली के सरकारी स्कूलों ने हर क्षेत्र में प्राइवेट स्कूलों को पीछे छोड़ दिया है। पिछले 7 साल से लगातार दिल्ली के सरकारी स्कूलों के नतीजे प्राइवेट से बेहतर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक जमाना था कि जब प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन के लिए लंबी लाइन लगा करती थी। इन स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए सिफारिशें आती थीं, लेकिन अब दिल्ली सरकार के स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस में 6 हजार सीटों के लिए 1.5 लाख से ज़्यादा बच्चों ने आवेदन किया है। मंत्री आतिशी ने कहा कि आज सरकारी स्कूल में एडमिशन लेने के लिए प्राइवेट स्कूल के बच्चे कतार में खड़े हैं। पिछले 4 साल में 3 लाख से ज़्यादा बच्चों ने प्राइवेट स्कूल छोड़कर सरकारी स्कूल में एडमिशन लिया है। हमारे सरकारी स्कूलों के बच्चे नई ऊंचाइयां छू रहे हैं और आईआईटी, जेईई, नीट की परीक्षाएं पास कर रहे हैं। ऐसे बच्चों की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही है। पिछले साल इनकी संख्या 2 हजार से अधिक रही। शिक्षा मंत्री ने कहा कि एकेडमिक्स के अलावा भी हमारे बच्चे दूसरे क्षेत्रों में अव्वल हैं। चाहे वह स्पोर्ट्स हो, डिबेट हो या फिर कोई एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी। पहले माना जाता था कि ऐसी गतिविधियां केवल प्राइवेट स्कूलों में होती हैं, लेकिन अब इस क्षेत्र में भी दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे आगे बढ़ रहे हैं।

 

दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विशेष आवश्यकता वाले बच्चों का भी हो रहा सर्वांगीण विकास- आतिशी

उन्होंने कहा कि एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारे स्कूलों में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के सर्वांगीण विकास पर भी विशेष बल दिया जाता है। एक जमाना ऐसा था, जब किसी घर में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को शिक्षा देना तो दूर उन्हें घर के भीतर हो रखा जाता था, लेकिन आज दिल्ली सरकार के स्कूलों ने इन्हें आगे बढ़ने का मौका दिया है और आज हमारे स्कूलों में 23 हज़ार से ज़्यादा विशेष आवश्यकता वाले बच्चे शानदार शिक्षा ले रहे हैं। दिल्ली सरकार उनकी हर प्रकार की विशेष आवश्यकताओं के लिए स्पेशलाइज्ड शिक्षक मुहैया करवा रही है। हमारे लिए यह गर्व की बात है कि जहां पूरे देश में शिक्षा के अधिकार के तहत विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को 8वीं कक्षा तक की सुविधा दी जाती है, उस समय भी दिल्ली के सरकारी स्कूलों में ऐसे बच्चों को 12वीं तक सुविधाएं देते हैं।

 

प्रिंसिपल, शिक्षक और एसएमसी ने निभाई अहम भूमिका- आतिशी

शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि आज हमारे स्कूल जहां पहुंचे हैं, उसके लिए हमारे प्रिंसिपल और शिक्षकों ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। इनके साथ-साथ हमारे स्कूलों के पैरेंट्स और हमारी स्कूल मैनेजमेंट कमेटी ने भी स्कूलों को शानदार बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हमारे स्कूल मैनेजमेंट कमेटी ने पिछले 8 सालों से जी-जान लगाकर स्कूलों को बेहतर बनाने का काम किया है। मुझे खुशी है कि आज एक्सीलेंस इन एजुकेशन अवार्ड के तहत हम अपने स्कूल मैनेजमेंट कमेटियों को भी सम्मानित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 9 साल पहले जो सपना देखा, उसकी वजह से हमारे सरकारी स्कूल और उसमें पढ़ने वाले बच्चे नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं। आज सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाला बच्चा न केवल सपने देख सकता है, बल्कि अपने सपनों को साकार भी कर सकता है। मुझे लगता है ऐसा देश के इतिहास में पहली बार हो रहा है।

 

 मेधावी दिव्यांग बच्चों ने सीएम को किया प्रभावित

सबसे पहले दिल्ली के सरकारी स्कूलों और 5 सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के 49 बच्चों को 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्ठ प्रदर्शन करने वाले दिव्यांग बच्चों को सम्मानित किया गया। सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने हाथों से इन दिव्यांग बच्चों को सम्मानित किया। इस दौरान सीएम ने इन बच्चों से बात भी की और इनके उत्साह और प्रदर्शन बेहद प्रभावित हुए।

 

 शानदार प्रदर्शन करने वाले बच्चों के साथ स्कूल भी पुरस्कृत

इस दौरान दो कटेगरी में पुरस्कार दिए गए। पहली कटेगरी में 10वीं और 12वीं के छात्रों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने परीक्षा में शानदार प्रदर्शन किया था। दूसरे कटेगरी में स्कूलों को सम्मानित किया गया। दिल्ली के अंदर स्टेट, डिस्ट्रक्ट और जोनल स्तर पर अच्छा काम करने वाले स्कूलों को चिंहित किया गया और उन्हें सम्मानित किया गया। इसमें दिल्ली के सरकारी, एडेड और प्राइवेट तीनों स्कूलों को शामिल किया गया था। इसके अलावा, जिन स्कूलों ने अपने प्रबंधन में अच्छी उपलब्धियां हासिल की है, उनको भी सम्मानित किया गया।

बच्चों ने हरियाणवी लोकगीत पेश कर किया मंत्रमुग्ध

इस दौरान स्कूली बच्चों ने हरियाणवी लोकगीत भी प्रस्तुत किया। यह गीत नव विवाहिताओं में शादी में मिले उपहार को लेकर कैसी खुशी होती है, उसे उजागर करता है। स्कूली बच्चों ने गीत को बड़ी शानदार तरीके से प्रस्तुत किया, जिसने स्टेडियम में मौजूद लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

 

सीएम ने इन कटेगरी में स्कूलों को किया पुरस्कृत

स्टेट बेस्ट स्कूल के लिए चीफ मिनिस्टर ट्रॉफी 1 स्कूल दिया गया। डिस्ट्रिक्ट बेस्ट स्कूल के लिए एजुकेशन मिनिस्टर ट्राफी से 13 स्कूलों को नवाजा गया। जोनल बेस्ट स्कूल के खिताब 20 स्कूलों को दिए गए। बेस्ट आरपीवी/एसओई/एसओएसई की ट्रॉफी 1 स्कूल को दी गई। रीजन बेस्ट गवर्नमेंट एडेड स्कूल का खिताब 1 स्कूल को मिला। वहीं, रीजन बेस्ट रिकॉगनाइज्ड प्राइवेट अनएडेड स्कूल का पुरस्कार 3 स्कूलों को दिया गया। गवर्नमेंट स्कूल विद बेस्ट एसएमसी अवॉर्ड 2023 (डिस्ट्रिक्ट लेवल) 12 स्कूलों ने हासिल किया।

 218 बच्चों ने किया टॉप

 

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दिल्ली के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले 54 डिफ्रेंटली एबल्ड समेत कुल 218 बच्चों ने विभिन्न स्तर पर टॉप किया है। इनमें से 19 ने राज्य स्तर, 141 ने जिला स्तर और 58 बच्चों ने जोनल स्तर पर टॉप किया है।

 

 सरकारी स्कूल के टॉपर बच्चे

सरकारी स्कूलों के 12वीं में पढ़ने वाले कुल 91 बच्चों ने विभिन्न स्ट्रीम में टॉप किया। इनमें से 3 बच्चों ने स्टेट लेवल पर टॉप किया है। जबकि, जिला स्तर पर 50 बच्चों ने टॉप किया है। जोनल लेवल की बात की जाए तो इसमें 38 बच्चों ने जगह बनाई है। वहीं, सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 10वीं के बच्चों की बात करें तो इसमें 30 बच्चों ने टॉप किया है। इनमें से 2 बच्चों ने स्टेट लेवल पर टॉप किया है. जबकि, 17 बच्चों ने जिलास्तर पर मेरिट में अपनी जगह बनाई है। वहीं, 11 बच्चों ने जोनल लेवल पर टॉप किया है।

 

सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के टॉपर बच्चे

 

इंदौर सर्राफा बाजार -Indore Bullion Market –

सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले 12वीं के कुल 23 बच्चों ने विभिन्न स्ट्रीम में जिला स्तर पर टॉप किया है। वहीं, 10वीं के बच्चों की बात की जाए तो 10 बच्चों ने जिला स्तर पर टॉप किया है।

 

 राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय (आरपीवीवी) के टॉपर बच्चे

आरपीवीवी में पढ़ने वाले 12वीं के बच्चों की बात की जाए तो इनमें से विभिन्न स्ट्रीम में 3 ने स्टेट लेवल पर टॉप किया है। वहीं, 10वीं में 1 बच्चे ने स्टेट लेवल पर टॉप किया है।

 

स्कूल ऑफ एक्सीलेंस (एसओई) और स्कूल ऑफ स्पेलाइज्ड एक्सीलेंस के टॉपर बच्चे

एसओई और एसओएसई के 12वीं में पढ़ने वाले विभिन्न स्ट्रीम के 5 बच्चों ने स्टेट लेवल पर टॉप किया है. जबकि, 10वीं में पढ़ने वाले 1 बच्चे ने राज्य में टॉप किया है।

 

 सरकारी स्कूलों के डिफ्रेंटली एबल्ड टॉपर बच्चे

सरकारी स्कूलों में 12वीं में पढ़ने वाले विभिन्न स्ट्रीम के डिफ्रेंटली एबल्ड बच्चों में से कुल 31 ने टॉप किया है। इनमें से 3 ने राज्य स्तर, 22 ने जिला स्तर और 6 ने जोनल स्तर पर टॉप किया है। वहीं, 10वीं में पढ़ने वाले डिफ्रेंटली एबल्ड बच्चों में से 18 ने टॉप किया है। इनमें से 1 ने राज्य स्तर, 14 ने जिला स्तर और 3 ने जोनल स्तर पर जगह बनाई है।

सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के डिफ्रेंटली एबल्ड टॉपर बच्चे

सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में 12वीं में पढ़ने वाले विभिन्न स्ट्रीम के डिफ्रेंटली एबल्ड बच्चों में से 2 ने जिला स्तर पर टॉप किया है। वहीं, 10वीं में 3 बच्चों ने जिलास्तर पर अपनी जगह बनाई है।

 

 

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