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मुफ्त में राशन देकर लोगों को गुलाम बनने की कोशिश कर रही मोदी सरकार : मायावती
आम चुनाव में अपने दम पर लड़ेगी बसपा
लखनऊ (ईएमएस)। बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख और पूर्व सीएम मायावती (Former CM Mayawati) ने अपने जन्मदिन पर केंद्र और यूपी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने Modi government की मुफ्त राशन स्कीम को आड़ें हाथों लेकर कहा कि मुफ्त अनाज देकर मोदी सरकार(Modi government) लोगों को गुलाम बनाने की कोशिश कर रही है। बहनजी ने कहा, हमारी पार्टी ने यूपी में अपनी 4 बार की सरकार में सभी वर्गों के लिए काम किया। अल्पसंख्यक, गरीब, मुस्लिम, किसान और अन्य मेहनतकश लोगों के लिए जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू कीं, जिन्हें सरकारें नाम बदलकर अपना बनाने की कोशिश कर रही हैं। लेकिन सरकारों के जातिवादी होने के कारण यह काम नहीं हो पा रहा है।
मायावती ने कहा कि रोजगार के साधन देने के बजाय फ्री में थोड़ा सा राशन देकर लोगों को मोहताज बनाया जा रहा है। जबकि हमारे कार्यकाल में अपनी सरकार के दौरान हमने वर्तमान सरकारों की तरह लोगों को मोहताज नहीं बनाया। उन्होंने केंद्र की मुफ्त राशन योजना पर जमकर निशाना साधा। मायावती ने कहा कि हमने अपनी सरकार के दौरान लोगों को सम्मान और स्वाभिमान ऊंचा करने का मौका भी दिया, लेकिन वर्तमान समय में यह होता हुआ नजर नहीं आ रहा है। केंद्र और राज्य सरकार धर्म और संस्कृति की आग में राजनीति कर रही है, जिससे लोकतंत्र कमजोर हो रहा है।
मायावती ने कहा, यूपी में अपनी पार्टी के नेतृत्व में खासतौर पर आदिवासी, पिछड़ों, अतिपिछड़ों और मुस्लिमों के कल्याण के लिए कल्याणकारी योजनाएं शुरू कीं। दूसरी पार्टियों ने उनकी नकल करके, थोड़ा नाम बदलकर उन योजनाओं को भुनाने को कोशिश की। उन्होंने कहा कि इन सभी पार्टियों के चलते विकास नहीं हो सकता है। एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के लिए सरकारी नौकरी और अन्य क्षेत्रों में जो नौकरियों का प्रावधान वह लाभ भी नहीं मिल पा रहा है, दयनीद स्थिति बनी हुई है।
मायावती ने कहा कि ऐसी अफवाह उड़ाई जा रही है कि मायावती जल्दी ही राजनीति से संन्यास लेना चाहती हैं, लेकिन मैं अंतिम सांस तक राजनीति में रहकर पिछड़ों के लिए लड़ती रहूंगी। हमारी पार्टी देश में जल्दी ही घोषित होने वाले लोकसभा चुनाव दलितों, आदिवासियों, अति पिछड़ों, मुस्लिमों और अल्पसंख्यकों के दम पर अकेले ही लड़ेगी।
बसपा प्रमुख ने अपने दम पर चुनाव लड़ने का कारण बताकर कहा कि बीएसपी अपने दम पर चुनाव इसलिए लड़ती है, क्योंकि इसका सर्वोच्च पद दलित का ही है।ऊंची जाति का वोट बीएसपी को ट्रांसफर नहीं हो पाता और गठबंधन में हमारा वोट उन्हें चला जाता है। हम इसका लाभ नहीं मिलता। पिछले बार देखा गया है कि पुराने चुनावों में कांग्रेस और सपा का ही फायदा हुआ, जब गठबंधन हुआ।