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पटना,। बिहार की राजनीति में मची उथल पुथल के बीच राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव काफी सक्रिय हो गए है। उन्होंने अपने लाल यानी तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने का सपना देखा है जिसे पूरा करने के लिए रणनीति भी बना ली है। सफलता मिले न मिले ये बाद की बात है,लेकिन लालू की जो रणनीति सामने आ रही है उस पर चर्चा जरुर शुरु हो गई है। जदयू की ओर से 28 जनवरी को विधायक दल (legislative party) की बैठक बुलाई गई, जिसके बाद से बिहार की राजनीति में अटकलों का दौर शुरू हो गया है। अलग-अलग पार्टियों की ओर से जारी बयान के बाद एक चीज तो साफ है कि बिहार में किसी भी समय बड़ा राजनीति बदलाव हो सकता है। ऐसे में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव सहित पूरा आरजेडी मौजूदा उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को सीएम बनाने की रणनीति में जुट गया है।
बिहार की बदलती राजनीतिक परिस्थितियों का फायदा उठाने के लिए बीजेपी के साथ-साथ लालू प्रसाद यादव भी जुट गए हैं। फिलहाल बिहार में आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी है, जिसके पास कुल 79 विधायक हैं।
मौजूदा आंकड़ों पर नजर डालें तो आरजेडी- 79, कांग्रेस- 19, लेफ्ट-16, निर्दलीय-1, एमआईएमआईएम-1 और हम पार्टी के चार विधायक को मिलाकर कुल 120 का आंकड़ा पहुंचता है, जो कि बहुमत से केवल 2 सीटें कम हैं। ऐसे में अगर जेडीयू के कुछ विधायक इस्तीफा दे देते हैं या फिर बगावत कर अपना पाला बदलते हैं तो फिर लालू यादव का काम आसान हो जाएगा। बिहार में ऐसी परिस्थिति तभी संभव हो पाएगी, जब जीतन राम मांझी की पार्टी बगावत पर उतरे। हालांकि हम पार्टी के नेता दानिश रिजवान ने कहा है कि उनकी पार्टी एनडीए के साथ चट्टान की तरह खड़ी रहेगी। उन्होंने ये भी कहा कि ये बिहार है, यहां हॉर्स ट्रेडिंग नहीं होगी। बिहार के सीएम नीतीश कुमार अगर पाला बदलते हैं तो महागठबंधन को सरकार बनाने के लिए 8 विधायकों की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम से भी संपर्क साधा जा रहा है। ऐसे में अगर बीजेपी ज्यादा समय लेती है तो बिहार में उनके लिए यह खेल उल्टा पड़ जाएगा।
आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी से संपर्क में हैं। स्पीकर अवध बिहारी पटना से बाहर थे, उन्हें वापस बुलाया गया है। सूत्रों की मानें तो आरजेडी ने जीतन राम मांझी को अपने पाले में करने के लिए बिहार का मुख्यमंत्री बनाने की पेशकश की, जिसके बाद हम पार्टी के नेता दानिश रिजवान ने कहा कि अगर वे पीएम पद का भी प्रत्याशी बना दें तो भी हम उनके साथ नहीं जाएंगे।
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