Anurag Jain became the 35th Chief Secretary : आखिरकार मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव पद को लेकर सस्पेंस खत्म हो गया है। राज्य सरकार ने दिल्ली में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत अनुराग जैन को मुख्य सचिव नियुक्त किया है। मध्य प्रदेश कैडर के 1989 बैच के आईएएस अधिकारी अनुराग जैन की उपलब्धियों की एक लंबी सूची है।
चाहे वह पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा लाया गया लोक सेवा गारंटी अधिनियम हो या प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित जन धन योजना, अनुराग जैन एकमात्र ऋणदाता हैं। फिर अनुराग जैन को पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के लिए अप्रैल 2023 में पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के क्षेत्र में पीएम अवॉर्ड भी मिला।
इन उपलब्धियों के कारण अनुराग जैन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विश्वासपात्र माना जाता है। 2022 में जब इकबाल सिंह बैंस मुख्य सचिव पद से रिटायर हुए तो तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी जैन को मुख्य सचिव बनाने का प्रस्ताव रखा था। जैन भी आना चाहते थे लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें रोक दिया। केंद्र में उन्हें सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों में सचिव बनाया गया। अपनी लगभग 35 साल की लंबी सेवा में जैन ने जिस विभाग या मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली उसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
एक फ़ोन कॉल ने माहौल बदल दिया
कुछ समय से यह कहा जा रहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करीबी के कारण जैन को फिर से केंद्र में हिरासत में लिया जाएगा। इस कारण मुख्यमंत्री कार्यालय में कार्यरत अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा का नाम मुख्य सचिव पद की दौड़ में माना जा रहा था। दोपहर तक यह लगभग तय माना जा रहा है। फिर दोपहर 12 बजे के आसपास एक फोन आया और जैसे ही केंद्र जैन को मध्य प्रदेश भेजने पर सहमत हुआ, राजौरा का नाम नैपथ्य में चला गया और मुख्य सचिव पद के लिए जैन का दावा मजबूत हो गया।
आईआईटी खड़गपुर से पढ़ाई की
अनुराग जैन मूलतः ग्वालियर के रहने वाले हैं। उन्होंने आईआईटी खड़गपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक (ऑनर्स) किया और फिर अपनी सेवा के दौरान अमेरिका के सिरैक्यूज़ विश्वविद्यालय से एमए (लोक प्रशासन) की उपाधि प्राप्त की। व्यापक प्रशासनिक अनुभव रखने वाले सीएस को खेलों का भी काफी शौक है। उन्हें टेनिस, टेबल टेनिस और क्रिकेट खेलना पसंद है।
उपलब्धता
- अनुराग जैन की पहली पोस्टिंग जून 1990 में सहायक कलेक्टर के रूप में सागर में हुई थी।
- फिर खुरई, कांकेर (अब छत्तीसगढ़), छिंदवाड़ा, दुर्ग (अब छत्तीसगढ़) में विभिन्न भूमिकाएँ निभाईं।
- जुलाई 1997 में उन्होंने पहली बार कलेक्टर के रूप में मंडला का कार्यभार संभाला।
- फिर वे मंदसौर और भोपाल के कलेक्टर भी रहे।
- यह जैन के लिए गेम चेंजर साबित हुआ जब सितंबर 2005 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें सचिव बनाया। यहां उन्होंने लोक सेवा गारंटी कानून लागू किया, जो मध्य प्रदेश समेत 15 से ज्यादा राज्यों में लागू हो चुका है।
- उन्होंने आईटी और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव के रूप में कार्य करते हुए निविदाओं के लिए ई-टेंडरिंग लागू की।
पीएम अवॉर्ड से सम्मानित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रमुख योजना पीएम जनधन योजना का श्रेय भी जैन को जाता है। फिर जब उन्हें उद्योग और घरेलू व्यापार विकास विभाग (DPIIT) के सचिव का प्रभार दिया गया, तो उन्होंने गति शक्ति के लिए प्रधान मंत्री का राष्ट्रीय मास्टर प्लान बनाया। इसके लिए जैन को एक्सीलेंस इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के क्षेत्र में पीएम अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। इसके बाद उन्हें अप्रैल 2023 से सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय के सचिव का प्रभार दिया गया है।