Heatwave: लू कई कारणों से घातक हो सकती है। इसका मुख्य कारण शरीर के आंतरिक तापमान को नियंत्रित न कर पाना है। अत्यधिक तापमान के लंबे समय तक संपर्क में रहने से गर्मी से थकावट और हीट स्ट्रोक हो सकता है। गर्मी की थकावट तब शुरू होती है जब शरीर पसीने के माध्यम से बहुत अधिक पानी और नमक बाहर निकाल देता है। इसके लक्षण हैं अत्यधिक पसीना आना, कमजोरी, मतली, भटकाव, मांसपेशियों में ऐंठन–Heatwave
हीट स्ट्रोक एक गंभीर बीमारी है जो तब होती है जब शरीर का तापमान 104°F (40°C) या इससे अधिक हो जाता है। यह तब होता है जब तीव्र शारीरिक गतिविधि या लंबे समय तक गर्मी के संपर्क में रहने के दौरान शरीर पसीने के माध्यम से खुद को ठंडा करने में असमर्थ होता है।
लू से बचाव के उपाय
पूरे दिन खूब पानी और तरल पदार्थ पियें। ढीले-ढाले, हल्के रंग के सूती कपड़े पहनें। जब बाहर का तापमान बहुत अधिक हो, तो घर के अंदर या छाया में रहने का प्रयास करें। विशेष रूप से गर्म दिनों में ज़ोरदार गतिविधियों से बचें। ठंडे पानी से नहाना या ठंडे पानी में स्पंज करना शरीर को ठंडा रखने में मदद कर सकता है। यदि आपके पास एयर कंडीशनिंग है, तो घर को ठंडा रखने के लिए इसका उपयोग करें। बुजुर्ग और बच्चे लू के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं, इसलिए उन पर विशेष ध्यान दें। यदि आपको चक्कर आना, सिरदर्द, मतली या अत्यधिक पसीना आना जैसे लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
लू से होने वाले नुकसान
गर्मी से शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो सकती है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इससे शरीर के तापमान में खतरनाक वृद्धि होती है, जिससे अंग क्षति और यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है। हीटस्ट्रोक गर्मी से संबंधित बीमारियों का कारण बन सकता है, जैसे गर्मी की ऐंठन और गर्मी की थकावट। गर्मी चिड़चिड़ापन, आक्रामकता और एकाग्रता की कमी का कारण बन सकती है।