भाजपा ने विंध्य में जाति संतुलन पर दिया जोर
Rewa newss: सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को पहली बार संगठन चुनाव में काफी सतर्कता के साथ निचले स्तर पर व्याप्त गुटबाजी को हावी होने से पहले जाति संतुलन का समीकरण बनाकर उचित नेता का चयन करने के लिये विवश होना पड़ा. Party के इस फैसले से एक बड़ा वर्ग काफी संतुष्ट दिखाई(appeared satisfied) दे रहा है. विंध्य में भाजपा ने जाति संतुलन पर जोर दिया न कि चाल-चरित्र-चेहरा पर, इसे पीछे धकेल दिया गया. आगे चलकर क्या राजनीतिक नुकसान होगा यह तो भविष्य के गर्त में है. पहले रायसुमारी के साथ नामो की घोषणा हो जाती थी, लेकिन इस बार के संगठन चुनाव में काफी सावधानी बरतनी पड़ी.
संगठन ने इस बार विंध्य में घोषणा के बाद किसी प्रकार के विरोध की स्थित पैदा न हो, इसका विशेष ध्यान रखा. विंध्य(Vindhya) में असंतुष्ट चल रहे वैश्य समाज(Vaishya society) को अवसर देते हुए पूर्व महापौर वीरेन्द्र गुप्ता को जिलाध्यक्ष का दायित्व सौपा गया. वही सिंगरौली(Singrauli) का जिम्मा पिछड़ा वर्ग कोटे के सुन्दरलाल शाह को देकर पार्टी(Party) ने परम्परा को बरकरार रखा है. यहा पर सामान्य वर्ग में आक्रोश(outrage) है, संगठन और Singrauli विधायक की केवल चली है. मंत्री राधा सिंह और कांतिदेव सिंह को झटका लगा है. महापौर के चुनाव में अनारक्षित होने पर पिछड़ा वर्ग को मौका दिया गया था. परिणाम स्वरूप भाजपा को हर का मुंह देखना पड़ा और अब अध्यक्ष के मामले में भी अगड़ी जाति को पीछे धकेल दिया गया है. भविष्य में नुकसान हो सकता है. अंदर ही अंदर विरोध(Oppose) के स्वर पनप रहे है, नए अध्यक्ष के सामने सबसे बड़ी चुनौती है सभी ध्रुवो को एक साथ लेकर चलने की.
चित्रकूट प्रवास में सुरेश सोनी की नसीहत
state government के असंतुलन एवं आपसी तालमेल को कम करने के प्रयास के साथ संघ के वरिष्ठ सदस्य पूर्व संघ सह कार्यवाह वर्तमान अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल के सदस्य सुरेश सोनी ने नसीहत दी है. उन्होने चित्रकूट प्रवास के दौरान मानस की चौपाई दैहिक, दैविक भौतिक तापा, रामराज नहिं काहुहि ब्यापा, सब नर करहि परस्पर प्रीती, चलहि स्वधर्म निरत श्रुति नीती का अर्थ स्पष्ट करते हुए नसीहत दी की राम राज्य की कल्पना तब साकार होगी जब लोग परस्पर प्रेम से अपने धर्म का पालन करेंगे. मुख्यमंत्री और श्री सोनी के बीच बंद कमरे में गुप्त बैठक हुई थी. बैठक के मायने लगाए जा रहे है कि असंतुलन और तालमेल के अभाव को दूर करने पर मंत्रणा हुई है. भेंट के तत्काल बाद चित्रकूट विकास की बैठक में श्री सोनी ने मानस की चौपाई दोहरा कर अपनी बात को स्पष्ट कर दिया. सोमवार की देर रात मुख्यमंत्री चित्रकूट(Chief Minister Chitrakoot) रीवा से पहुंचे थे. गुप्त बैठक को कई रूप में देखा जा रहा है, प्रदेश सरकार के दो महत्वपूर्ण स्तंभ के बीच जो राजनीतिक दूरियां और आपसी तालमेल बिगड़ रहा है उसे दूर करने का प्रयास किया गया है, ऐसा माना जा रहा है.
मऊगंज जिले की पुलिस भी गजब की
मऊगंज जिले(Mauganj district) की पुलिस भी गजब की है, संवेदनशील मामलो में पुलिस(Police) की लापरवाही इस कदर दिखी कि नाबालिग(minor) किशोरी(underage teenager) के अपहरण लव जिहाद का मामला सामने आया पर पुलिस(Police) आंख में पट्टी बांधे बैठी रही, फिर क्या था बात जब क्षेत्रीय विधायक प्रदीप पटेल तक पहुंची तो कुंभ नगरीय प्रयागराज(Prayagraj) से पीडि़त परिवार की आवाज सुन भगवाधारी विधायक(Legislator) कड़ाके की ठंड में सीधे पुलिस कप्तान कार्यालय पहुंचे. पुलिस का संवेदनहीन चेहरा देख विधायक धरने पर बैठ गए. जिसके बाद आनन-फानन थाना प्रभारी(police station incharge) और बीट प्रभारी पर निलंबन की गाज गिरी. सवाल यह उठता है कि संवेदनशील मामलो में भी Police को क्या इस तरह का रवैया अपनाना चाहिये. एक जनप्रतिनिधि जब धरने में बैठे उसके बाद ही Police कोई कार्यवाही करे. आखिर कब मऊगंज जिले की पुलिस सुधरेगी.