फिर चालू हुई कलिंगा में नौकरी बेचने की प्रक्रिया, कंपनी के ही आलाधिकारियों के सह पर होता है नौकरियों के बेचने का खेल
कलिंगा कम्पनी इन दिनों सिंगरौली परिक्षेत्र में खूब चर्चा में है।कंपनी लगातार टेंडर वैल्यू से लगभग 20% कम में काम ले रही है।,अमलोरी में 10% यानी कि लगभग 200 करोड़ घाटा, झिंगुरद में 5% लगभग 50 करोड़ का घाटा और अभी खड़िया परियोजना में 20% कम यानी 300 करोड़ का घाटा करके काम करने को तैयार हुई है, यानी केवल सिंगरौली NCL क्षेत्र में एक साल के अंदर 550 करोड़ रुपये का घाटा करके काम करने आई है।
आम जनमानस में चर्चा है कि कलिंगा कम्पनी भर्तियों के माध्यम से ही कई करोड़ रुपये इकट्ठा करना चाहती है, ऐसा लोगों का कहना है।
जिसमे पूरा सहयोग इनके आला अधिकारियों द्वारा किया जाता है।
समाज के ऐसे लोगों के सम्पर्क में कम्पनी आती है जो नौकरी बेचने में सहयोग करते हों।
ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है क्योंकि अभी हाल में ही एक खड़िया के एक एक शक्श के साथ कलिंगा के बड़े अधिकारी को देखा जा रहा है जो कि इस क्षेत्र में नौकरी बेचकर ही अपना रोजी रोटी चलाता है।
उसकी ऑडियो भी वायरल हो रही है जिसमे उसके द्वारा यह कहा जा रहा है कि हम अभी कम्पनी में ही हैं और लेंन देन करके काम करवा देंगे
कलिंगा एक बड़ी कम्पनी है जो कि इस तरह के चीजों में बदनाम है।क्या सच्चाई इसकी ये तो कंपनी के मालिक को ही पता होगा,परन्तु लोग चाहते हैं कि जैसा कलिंगा के बारे में हम लोगों ने सुना है कि अच्छी कम्पनी है तो उसका परिचय कम से कम खड़िया परियोजना में दे।
सुनने में आता है कि इनके यहां एक एक हेड हैं जो कि पूर्व में किसी सरकारी कम्पनी में अधिकारी थे परंतु उनके ऊपर कोई मुकदमा दर्ज हुआ जिसमें उनको कम्पनी ने टर्मिनेट कर दिया और अब उस ब्यक्ति को ही इस क्षेत्र का प्रतिनिधि बना दिया है।
क्या कलिंगा अपनी क्षवि यहां सुधार पाती है या फिर पूर्व की भांति बदनाम ही होगी