Water Tank Astro Tips: घर की इस दिशा में करें जल की व्यवस्था, परिवार के साथ बढ़ेगी सफलता और प्रसिद्धि

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Vastu Tips for Boring : वास्तु शास्त्र में हर समस्या का निदान है. यदि घर में लगातार किसी समस्या से लोग परेशान हैं तो यह वास्तु दोष का भी कारण हो सकता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि घर में किस दिशा में जल की व्यवस्था करना लाभकारी साबित हो सकता है!

Water Tips In Vastu Shastra:घर बनाने में सबसे पहले पानी की व्यवस्था का ध्यान रखना सबसे आवश्यक होता है. जल का भंडार घर में रह रहे सदस्यों के लिए अति आवश्यक माना जाता है. इसलिए भवन निर्माण से पहले बोरिंग और पानी की टंकी की व्यवस्था कैसे की जाए और किस दिशा में इसका ध्यान जरूर दिया जाता है.

पानी प्रकति का ही एक स्तोत्र है. यही वजह है कि पानी का जीवन में बहुत बड़ा महत्व है. वास्तु के नियम के अनुसार जल की व्यवस्था घर के ईशान यानी कि उत्तर पूर्व दिशा में करना शुभ मानते हैं. दरअसल इसके पीछे ण्क वजह यह भी है कि सूर्य जब उदय होता है तो सबसे पहले इसकी किरणें जल पर पड़ती है. जिसकी वजह से प्रकति शुद्ध तो होती ही है साथ ही जल का उर्जा कई गुणा बढ़ जाती है. चलिए विस्तार में जानते हैं कि कुंआ, टंकी और बोरिंग के जलीय व्यवस्था नियम क्या हैं!

1. जल की व्यवस्था के लिए सबसे सही जगह ईशान कोण का माना गया है. दरअसल यह दिशा घर के मुखिया और लोगों के बीच में समृद्धि लेकर आता है.

2. सुख और शांति के लिए भूखंड के पूर्वी भाग में जल की व्यवस्था करना भी शुभ मानते हैं.

3. यदि अग्नि कोण में गलती से भी जल की व्यवस्था कर दी जाए तो इससे घर के मुखिया के बेटे को कष्ट हो सकता है.

4. ध्यान रखें कि गलती से भी घर के दक्षिण दिशा में जल की व्यवस्था ना करें. ऐसा करने से घर की महिलाओं को कष्ट होता है.

5. अगर गलती से जलीय व्यवस्था घर के नैऋत्य कोण में कर दिया गया है तो सचेत हो जाए. दरअसल ऐसा करने से यह घर के स्वामी को मृत्यु तुल्य कष्ट दे सकता है.

6. अगर घर में जलीय व्यवस्था वायव्य कोण में किया गया है तो घर को शत्रुओं से सचेत रहने की आवश्यकता है.

7. पुत्र के सुख प्राप्ति के लिए घर के पश्चिम भाग में जल व्यवस्था करना शुभ मानते हैं.

8. समाज में सम्मान पाने के लिए भूखंड के उत्तरी भाग में घर की जलीय व्यवस्था कर सकते हैं.

9. घर के मध्य भाग को ब्रह्म स्थान माना जाता है. इसलिए इस जगह पर जलीय व्यवस्था करने से बेहद शुभ होता है.

10. महत्वपूर्ण बात यह है कि हमेशा भवन निर्माण में दक्षिण पश्चिम के हिस्से को हमेशा ऊँचा बनाना चाहिए. वहीं पूर्व उत्तर हिस्से को हल्का और नीचा होना चाहिए. यदि जलीय व्यवस्था उत्तर पूर्व की ओर की गई हो तो यह दिशा बिल्कुल सही मानी जाती है. भवन निर्माण में ईशान कोण में जलीय व्यवस्था को सबसे शुभ मानते हैं.

इन बातों का रखें ध्यान

बोरिंग हमेशा नक्षत्र देख कर ही कराएं. जैसे रोहिणी, पुष्प, मघा, मृगशिरा, हस्त, अनुराधा और धनिष्ठा नक्षत्र बोरिंग के लिए शुभ माने जाते हैं. सोमवार, गुरुवार, बुधवार और शुक्रवार का दिन जलीय व्यवस्था के लिए शुभ माना गया है. इस बात का जरूर ध्यान रखें कि कभी भी बोरिंग के ऊपर पार्किंग की व्यवस्था नहीं की जाए. साथ ही मेन गेट का वेध यहां पर नहीं होना चाहिए.

 

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