रजिस्ट्री कार्यालय में अव्यवस्था को लेकर नागरिकों में नाराज़गी, कलेक्टर से सुधार की मांग
सिंगरौली। जिले के रजिस्ट्री कार्यालय में कामकाज की पारदर्शिता और प्रक्रिया में सुधार को लेकर नागरिकों में असंतोष बढ़ता जा रहा है। कार्यालय में दलाली और अनधिकृत हस्तक्षेप जैसी शिकायतें सामने आने के बाद लोगों ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई और व्यवस्था सुधार की मांग की है।
सूत्रों के अनुसार, रजिस्ट्री से संबंधित कार्यों में अनधिकृत व्यक्तियों की दखलंदाजी और फाइलों के निपटारे में देरी जैसी समस्याएँ देखी जा रही हैं। नागरिकों का कहना है कि रजिस्ट्री कराने आने वाले लोगों को कभी-कभी असुविधा और लंबी प्रतीक्षा का सामना करना पड़ता है। वहीं, अधिवक्ताओं का कहना है कि कार्यालय की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने की आवश्यकता है।जनता ने यह भी सुझाव दिया है कि रजिस्ट्री प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और ऑटोमेटेड करने से ऐसी शिकायतों में कमी आएगी। साथ ही, प्रशासनिक निगरानी बढ़ाए जाने की भी मांग की जा रही है।इस संबंध में नागरिकों ने जिला कलेक्टर से आग्रह किया है कि रजिस्ट्री कार्यालय की कार्यप्रणाली की निष्पक्ष जांच कराई जाए, ताकि आम जनता को बेहतर और पारदर्शी सेवा मिल सके।
रजिस्ट्रार अशोक सिंह की कृपा से कार्यालय में चल रही साहिल सिंह की खुली दलाली
सूत्रों की मानें तो रजिस्ट्री अधिकारी अशोक सिंह परिहार के करीबी रिश्तेदार साहिल सिंह द्वारा कार्यालय में बैठकर अनधिकृत रूप से रजिस्ट्री से जुड़े कार्यों में हस्तक्षेप, फर्जीवाड़ा और दलाली का काम कराया जा रहा है। बताया जाता है कि साहिल सिंह किसी भी पद पर पदस्थ नहीं है, फिर भी वह रजिस्ट्री ऑफिस के चैंबर में कुर्सी संभाले बैठता है और वेंडर से लेकर आम नागरिकों तक से रजिस्ट्री कराने के नाम पर सीधे लेनदेन और कमीशन लेता है। जानकारों ने बताया कि साहिल सिंह के पास ऑफिस की चाबी तक रहती है, जिससे वह रजिस्ट्री की फाइलों और दस्तावेजों तक सीधे पहुंच बना लेता है। आरोप है कि वह फर्जी रजिस्ट्री तैयार कराने, दस्तावेजों में हेराफेरी करने और कमीशन के बदले फाइल पास कराने में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। नागरिकों और अधिवक्ताओं ने बताया कि यह सब कुछ रजिस्टार अधिकारी अशोक सिंह परिहार की कृपा से हो रहा है। उनके संरक्षण में यह पूरा खेल वर्षों से जारी है।







