Lok Sabha Elections: 7वें चरण की 17 सीटें बदल सकती हैं सत्ता का खेल, जानिए यहां कैसे बनते-बिगड़ते हैं समीकरण?

By Ramesh Kumar

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Lok Sabha Elections: लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में 8 राज्यों की 57 सीटों पर 1 जून को वोट डाले जाएंगे. इसमें हिमाचल से लेकर पंजाब, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और बिहार की सीटों पर चुनाव हैं। पिछले दो लोकसभा चुनावों में बीजेपी करीब आधी सीटें जीतकर सत्ता पर काबिज है, जबकि कांग्रेस का राजनीतिक आधार खिसक रहा है. इस चरण में 17 संसदीय सीटें हैं, जहां वोटिंग पैटर्न इस बार पूरा खेल बदल सकता है–Lok Sabha Elections

7वें चरण का 17 सीटों पर खेल

लोकसभा चुनाव के 7वें चरण में 17 लोकसभा सीटें हैं, जिन पर वोटों के उलटफेर से राजनीतिक दलों का पूरा खेल बिगड़ सकता है. ये सीटें किसी की उम्मीद जगा रही हैं तो किसी के लिए तनाव पैदा कर रही हैं. इनमें से छह सीटें ऐसी हैं जहां 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत का अंतर दो फीसदी से भी कम था. इसके अलावा 11 सीटें ऐसी हैं जहां हर चुनाव में खेल बदल जाता है. हर चुनाव में मतदाता अपना मूड बदलते हैं।

पिछले चुनाव में जिन छह सीटों पर मुकाबला बेहद कड़ा था उनमें पंजाब की जालंधर, बठिंडा, उत्तर प्रदेश की बलिया और चंदौली सीटें, ओडिशा की बालासोर और बिहार की जहानाबाद सीटें शामिल हैं। इन पर जीत-हार का अंतर दो फीसदी से भी कम था. जहानाबाद में जेडीयू के चन्द्रशेखर महज 1751 वोटों से जीते. बालासोर सीट पर बीजेपी के प्रताप चंद्रा ने 12,956 वोटों से जीत हासिल की |

महेंद्रनाथ पांडे 13959 वोटों से जीते

चंदौली में बीजेपी के महेंद्रनाथ पांडे 13959 वोटों से जीते. बलिया सीट पर बीजेपी के वीरेंद्र सिंह मस्त 15519 वोटों से जीते. बठिंडा सीट पर अकाली दल की हरसिमरत कौर ने 21772 वोटों से जीत हासिल की. जालंधर सीट पर कांग्रेस के संतोख सिंह 19,491 वोटों से जीते. 2024 के चुनाव में अगर इन छह सीटों पर कुछ मतदाता एक जगह से दूसरी जगह चले गए तो बाजी पलट सकती है…..

सातवें चरण की सीटों का विश्लेषण करें तो 11 लोकसभा सीटें सामने आती हैं, जहां पिछले तीन चुनावों में कोई भी पार्टी सीट नहीं बचा पाई है. इसमें उत्तर प्रदेश की गाज़ीपुर, घोसी, रॉबर्ट्सगंज और मिर्ज़ापुर सीटें हैं। पंजाब में आनंदपुर साहिब, फरीदकोट, फतेहगढ़ साहिब और पटियाला सीटें भी शामिल हैं. इसके अलावा ओडिशा में बालासोर, बिहार में जहानाबाद और काराकाट सीटें हैं. 2019 में बीजेपी को 2 सीटें, अपना दल (एस) को 2 सीटें, बीएसपी को 2 सीटें जबकि कांग्रेस को 4 सीटें मिलीं. एक सीट जेडीयू को मिली थी |

बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती

अगर यही सिलसिला 2024 के लोकसभा चुनाव में भी जारी रहा तो सबसे बड़ा झटका कांग्रेस को लगेगा, क्योंकि चार सीटों पर उसका कब्जा है. बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती कम मार्जिन वाली सीटें होंगी. हालांकि, पिछले चुनाव के सातवें चरण में बीजेपी को 28 सीटों पर 40 फीसदी वोट मिले थे और 12 सीटों पर वोट 30 से 40 फीसदी के बीच थे. वहीं, कांग्रेस को 18 सीटों पर 10 फीसदी से भी कम वोट मिले. इस वजह से सातवें चरण की लड़ाई वाकई देश की सत्ता की आखिरी लड़ाई है. देखते हैं किसका पलड़ा भारी रहता है |

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