रीवा. सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में इलाज के लिए लाए गए मरीज की मौत के बाद हुई घटना ने स्वास्थ्य विभाग को गंभीर कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है। मरीज की मौत के बाद परिजनों द्वारा एसडीएम बंगले के सामने शव के साथ प्रदर्शन किया गया, जिससे मामले की गंभीरता बढ़ गई है। स्वास्थ्य विभाग ने बीएमओ डॉ. आरके पाठक, चिकित्सा अधिकारी डॉ. अखिलेश सिंह और डॉ. श्यामबिहारी कोल को नोटिस जारी किया है और नर्स प्रीतू मिश्रा को हटा दिया है। विभाग अब पूरे मामले की गहन जांच कर रहा है ताकि लापरवाही के कारणों का पता लगाया जा सके और उचित कार्रवाई की जा सके।
सीसीटीवी कैमरे का कंट्रोल रूम सील :
इस मामले की जांच के लिए सीसीटीवी कैमरे के कंट्रोल रूम को सील कर दिया गया है ताकि उसके फुटेज से किसी तरह की छेड़छाड़ न की जा सके। परिजन मरीज को लेकर कितने बजे आए और कितने बजे उसका इलाज शुरू हुआ यह पूरा घटनाक्रम सीसीटीवी फुटेज में कैद है। ऐसे में उसे सील कर दिया गया है। जांच के लिए अब उक्त कमरे को खोला जायेगा।
पूर्व में भी हो चुकी है घटना:
इलाज में लापरवाही से मौत का यह कोई पहला मामला नहीं है, बल्कि इससे पूर्व भी घटना हो चुकी है। माहभर एक मरीज की मौत के बाद परिजनों ने एसडीएम बंगले के सामने शव को रखकर प्रदर्शन किया था। उसमें भी जांच के दावे किए गए थे लेकिन अभी तक उसका कोई नतीजा नहीं निकला। आए दिन हो रही घटनाओं ने स्वास्थ्य सुविधाओं को भी कठघरे में खड़ा कर दिया है।
डायरिया से किशोरी की मौत
रीवा जिले में डायरिया का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को डायरिया से पीड़ित एक किशोरी की इलाज के दौरान मौत हो गई, जिससे स्थिति की गंभीरता और अधिक स्पष्ट हो गई है। मधु साकेत, 15 वर्षीय किशोरी, जो धोधकी थाना बैकुंठपुर की निवासी थी, को उल्टी और दस्त की शिकायत थी। परिवार ने पहले बैकुंठपुर में उसका इलाज कराया, लेकिन उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ। इसके बाद किशोरी को शुक्रवार की सुबह एसजीएमएच अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जिले में डायरिया का प्रकोप विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में देखा जा रहा है। दूषित पानी का सेवन करने के कारण लोग इस बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं।