31 मार्च 2025 – जानिए शुभ मुहूर्त, योग, नक्षत्र और पूजा विधि
31 मार्च 2025, सोमवार को हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि है। यह तिथि 30 मार्च दोपहर 12:49 से शुरू होकर 31 मार्च सुबह 09:11 तक रहेगी। आज चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन है और मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का विशेष महत्व है। इसके साथ ही, गणगौर पूजा की भी शुरुआत हो रही है। यह दिन शिव-शक्ति की आराधना और सुख-समृद्धि की कामना के लिए बेहद शुभ माना जाता है।
सूर्योदय, सूर्यास्त और चंद्रमा की स्थिति
सूर्योदय: प्रातः 6:23 बजे
सूर्यास्त: सायं 6:38 बजे
चंद्रोदय: प्रातः 7:26 बजे
चंद्रास्त: रात्रि 8:56 बजे
सूर्य राशि: मीन
चंद्रमा की स्थिति: दिन-रात मेष राशि में संचार करेगा
शुभ योग और नक्षत्र
वैधृति योग: 30 मार्च शाम 05:53 से 31 मार्च दोपहर 01:45 तक
विष्कुम्भ योग: 31 मार्च दोपहर 01:45 से 1 अप्रैल सुबह 09:47 तक
अश्विनी नक्षत्र: 30 मार्च शाम 04:35 से 31 मार्च दोपहर 01:45 तक
भरणी नक्षत्र: 31 मार्च दोपहर 01:45 से 1 अप्रैल सुबह 11:06 तक
आज के शुभ और अशुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:06 से 12:55 तक (कार्य सिद्धि के लिए शुभ)
अमृत काल: सुबह 07:24 से 08:48 तक (कोई भी शुभ कार्य करने के लिए उत्तम)
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:46 से 05:34 तक (ध्यान, साधना और पूजा के लिए श्रेष्ठ)
राहु काल: सुबह 07:55 से 09:27 तक (इस दौरान कोई शुभ कार्य करने से बचें)
पूजा-पाठ और विशेष पर्व
चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन: मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से संयम, साधना और आत्मविश्वास की प्राप्ति होती है।
गणगौर पूजा आरंभ: राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर भारत के कई हिस्सों में गणगौर पूजा का आरंभ हो रहा है। विवाहित महिलाएं इस दिन अपने सुहाग की लंबी उम्र की कामना के लिए गणगौर व्रत करती हैं।
शिव पूजा: सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है, अतः आज के दिन रुद्राभिषेक और शिव मंत्रों का जाप करना शुभ रहेगा।