उज्जैन में शराबबंदी लागू, फिर भी काल भैरव मंदिर में मदिरा प्रसाद पर उठे सवाल! जाने पूरी वरदात?
MP News: उज्जैन में आज से सख्त शराबबंदी लागू हो गई है, जिससे महाकाल की नगरी में कई बदलाव देखने को मिल रहे हैं। लेकिन इस फैसले का सीधा असर अब बाबा भैरव के भक्तों पर पड़ने वाला है। सुप्रसिद्ध काल भैरव मंदिर में भक्तगण बाबा को प्रसन्न करने के लिए पारंपरिक रूप से मदिरा चढ़ाते हैं। लेकिन प्रशासन द्वारा शराब की बिक्री और सेवन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिए जाने के बाद अब सवाल यह है कि कल मंदिर में प्रसाद कैसे चढ़ाया जाएगा? भक्तों में इसकी खूब चर्चा है। कुछ भक्तों का कहना है कि मंदिर प्रशासन को बाबा की परंपरा को बनाए रखने के लिए इस मामले पर विशेष निर्णय लेना चाहिए। हालाँकि, कुछ लोगों का मानना है कि सरकार से विशेष छूट मांगी जानी चाहिए।
काल भैरव मंदिर के विशेष नियम
उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कहा, “नगर निगम सीमा में सभी शराब की दुकानें 1 अप्रैल से बंद कर दी गई हैं। काल भैरव मंदिर के पास दो शराब काउंटर भी बंद कर दिए गए हैं। हालांकि, भक्त भगवान भैरव को प्रसाद के रूप में शराब चढ़ा सकेंगे।”
वहां कोई काउंटर नहीं होगा(There will be no counter) और शराब की बिक्री प्रतिबंधित रहेगी। मंदिर समिति प्रसाद की व्यवस्था करेगी। दूसरी ओर, यदि कोई भक्त प्रसाद के रूप में एक क्वार्ट शराब चढ़ाना चाहता है, तो कोई प्रतिबंध नहीं है। लेकिन अगर इसकी आड़ में कालाबाजारी या दुरुपयोग पाया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
Collector ने यह भी बताया कि नगर निगम क्षेत्र में होटलों और बारों के शराब लाइसेंस सरेंडर कर दिए गए हैं। अब वहां शराब की बिक्री नहीं होगी।
उल्लेखनीय है कि काल भैरव मंदिर(Kala Bhairava Temple) में वर्षों से भगवान को मदिरा चढ़ाने की परंपरा है। इसके लिए मंदिर के बाहर Liquor का काउंटर संचालित किया गया, जिसमें देशी-विदेशी शराब(Indian and foreign liquor) के हर ब्रांड उपलब्ध थे। अब यह पूरी तरह से बंद हो गया है। निवासियों ने इस प्रतिबंध को धार्मिक शहर की पवित्रता बनाए रखने के लिए सरकार द्वारा उठाया गया एक ऐतिहासिक कदम बताया है।