निष्पक्ष जांच करने का आयुक्त ने दिया है निर्देश, परिषद में उठा था मुद्दा
Singrauli News: एलईडी बल्ब में हुए करोड़ों के घोटाले के मामले में तीन सदस्यीय टीम जांच में हीलाहवाली कर रही है। हालांकि आयुक्त ने टीम को सत निर्देशित किया है कि जल्द जांच पूरा कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। बता दें कि सभी 45 वार्डों में से 35 वार्डों के लिए 25 से 45 लाख तक की अलग-अलग फाइलें विद्युत शाखा द्वारा बनाई गई। नगर निगम का लगभग 10 करोड़ रुपए इस कार्य के लिए खर्च किया गया। सभी वार्डों में स्ट्रीट लाइट में लगे हुए सीएफएल बल्बों को बदलकर एलईडी बल्ब लगाने में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया है। रणनीति इस प्रकार थी की विद्युत शाखा के पसंदीदा तीन चार ठेकेदारों के बीच कंपटीशन कराया जाता था जो लगभग 30 से 45 प्रतिशत बिलों तक टेंडर पा जाते थे। इसके अलावा इंजीनियरों का मुख्य उद्देश्य इस बिलों में 40 प्रतिशत वाले ठेकेदार को और स्वयं को लाभ पहुंचाना होता था। इसके लिए ओरिजिनल कंपनी से मिलते जुलते नाम वाले नकली एलईडी बल्ब मंगवाकर सभी वार्डों के पोल में लगवाए जाते हैं। भुगतान करते समय सहायक यंत्री प्रवीण गोस्वामी, उपयंत्री द्वारा संविदाकार के कार्य की गुणवत्ता को उच्च स्तर की गुणवत्ता वाला कार्य बताकर भुगतान कराया जाता था। प्रभारी सहायक यांत्रिक विद्युत के पास नगर निगम के 45 वार्डो का प्रभार है।