सिंगरौली नगर निगम में ‘अदृश्य महिला’ का दबदबा! शिव मंदिर में होती है शुरुआत, अफसर करते हैं पालन

By Awanish Tiwari

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सिंगरौली नगर निगम में ‘अदृश्य महिला’ का दबदबा! शिव मंदिर में होती है शुरुआत, अफसर करते हैं पालन

सिंगरौली।
नगर निगम सिंगरौली में इन दिनों चर्चा का केंद्र बनी है एक “अदृश्य महिला”—जिसका नाम कहीं दर्ज नहीं, लेकिन प्रभाव नगर निगम की नीतियों और निर्णयों पर साफ नजर आ रहा है। सूत्रों की मानें तो नगर निगम में कौन-सा बिल पास होगा, कौन अधिकारी कहां पदस्थ रहेगा, और किस कर्मचारी को हटाया जाएगा—इन सब पर अंतिम निर्णय इस महिला के संकेत पर ही होता है।

सुबह शिव मंदिर, शाम निगम पर नियंत्रण!

लोगों का कहना है कि यह महिला रोज सुबह नगर निगम के ठीक सामने स्थित शिव मंदिर में दर्शन करती है। इसके बाद नगर निगम की “सत्ता” पर उसके इशारे हावी हो जाते हैं। कई वरिष्ठ अधिकारियों के बारे में यह भी कहा जा रहा है कि वे इस महिला के घर तक जाकर न केवल आदेश लेते हैं बल्कि उसकी ‘अनुमति’ से ही फाइलों पर हस्ताक्षर करते हैं।

उपाध्याय की सेवानिवृत्ति के बाद हुआ खुलासा

नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी की रिटायरमेंट के बाद जो घटनाक्रम सामने आया, उसने इस रहस्य को और भी गहरा कर दिया। बताया जा रहा है कि जैसे ही उपाध्याय रिटायर हुए, महिला ने एक कर्मचारिय बोली कि उपाध्याय के आवास से कर्मचारियों को हटा दिया और अधिकारी ने तत्काल अमल भी कर दिया।

भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी को मिला संरक्षण?

नगर निगम में घटिया निर्माण, खुला कमीशन खेल और अनियमित कार्यप्रणाली को लेकर जनप्रतिनिधियों तक में असंतोष है। अब यह सवाल उठ रहा है कि कहीं निगम में फैले भ्रष्टाचार और कार्यों में लापरवाही के पीछे इस ‘अदृश्य महिला’ की भूमिका तो नहीं?

जनता के बीच सवाल: आखिर कौन है ये महिला?

नगर निगम से जुड़े कई कर्मचारी अब अंदर ही अंदर यह सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर कौन है यह महिला, जिसके इशारे पर पूरा तंत्र नाच रहा है? यदि उसका कोई अधिकारिक पद नहीं है, तो अधिकारियों की उस पर इतनी निर्भरता क्यों?

नगर निगम में पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग अब जोर पकड़ रही है। जनता उम्मीद कर रही है कि प्रशासन इस ‘अघोषित महिला’ की जांच करेगा और जवाब देगा कि आखिर सिंगरौली नगर निगम कौन चला रहा है—प्रशासन, या कोई अदृश्य महिला ?

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