Aadhar card Update : आधार अपडेट पर केंद्र सरकार ने दी राहत, इसे किया फ्री

By Awanish Tiwari

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आधार अपडेट की समयसीमा एक वर्ष के लिए बढ़ा दी गई है। केंद्र सरकार ने पहले यह समयसीमा 14 जून 2025 तय की थी। जनसांख्यिकीय विवरण अब ऑनलाइन भरा जा सकेगा।

यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने फ्री में आधार अपडेट करने की डेडलाइन को 1 साल के लिए बढ़ा दिया है। 14 जून 2026 तक आधार फ्री में अपडेट किए जा सकेंगे। केंद्र सरकार ने पहले ये डेडलाइन 14 जून 2025 तक रखी थी। UIDAI ने कहा कि लाखों आधारकार्ड धारकों फायदा पहुंचाने के लिए फ्री में ऑनलाइन सर्विस को 14 जून 2026 तक बढ़ा दिया गया है। UIDAI ने कहा कि यह फ्री सर्विस सिर्फ माय आधार पोर्टल पर मौजूद है।
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फ्री में आधार अपडेट करने की डेडलाइन पांचवी बार बढ़ी

फ्री में आधार अपडेट करने की डेडलाइन पांचवी बार बढ़ाई गई है। इसे पहेल 6 महीने, फिर तीन-तीन महीने के लिए बढ़ाया गया था, जबकि इस बार इसे एक साल के लिए और बढ़ा दिया गया है। UIDAI ने कहा कि इसका लाभ उन लोगों को मिलेगा, जिन्हें 10 साल पहले आधार कार्ड मिला था। हालांकि, फ्री आधार अपडेट में केवल डेमोग्राफिक डिटेल्स ही ऑनलाइन अपडेट की जा सकेंगी। इच्छुक व्यक्ति ऑफिशियल वेबसाइट माय आधार पर जाकर खुद ही अपनी डिटेल्स भर सकते हैं।

कैसे करें ऑनलाइन दस्तावेज अपलोड

सबसे पहले आप UIDAI के वेबसाइट पर जाएं। अपने आधार नंबर और OTP के माध्यम से लॉगिन करें। फिर Document Update विकल्प पर क्लिक करें। पहचान और पते का प्रमाणपत्र (जैसे कि आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर ID, बिजली बिल आदि) स्कैन कर अपलोड करें। अंत में, सब्मिट पर क्लिक करें। इस प्रक्रिया में किसी शुल्क की आवश्यकता नहीं है।

इन कामों के लिए जाना होगा आधार सेंटर

UIDAI ने कहा कि बायोमेट्रिक से जुड़ी जानकारी जैसे कि फिंगर प्रिंट या आइरिस स्कैन को अपडेट कराने के लिए आधार डेटा सेंटर जाना होगा। यहां हर डिटेल्स अपडेट करने के लिए 50 रुपए फीस देनी होगी। संस्था ने कहा कि मोबाइल नंबर भी आधार सेंटर पर ही अपडेट किए जाएंगे। डिटेल्स अपडेट करने के बाद एक सर्विस रिक्वेस्ट नंबर मिलेगा। इससे पता चलेगा कि कब तक आधार अपडेट हो जाएंगी।

क्यों जरूरी है आधार कार्ड अपडेट होना

सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आधार अपडेट होना जरूरी है। बैंकिंग, पेंशन, एलपीजी, राशन कार्ड, पासपोर्ट, पैन लिंकिंग जैसी सेवाओं में गलत या पुरानी जानकारी होने पर असुविधा हो सकती है। पहचान और पते के दस्तावेजों की समय-समय पर समीक्षा से क्लोनिंग व धोखाधड़ी को रोका जा सकता है।

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