बिहार चुनाव: 64.46% रिकॉर्ड मतदान ने बढ़ाई हलचल राजनीतिक जानकारों का मानना ​​है कि इस बार सत्ता नहीं, बल्कि राजनीति पूरी तरह बदल सकती है।

By News Desk

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 बिहार चुनाव: 64.46% रिकॉर्ड मतदान ने बढ़ाई हलचल राजनीतिक जानकारों का मानना ​​है कि इस बार सत्ता नहीं, बल्कि राजनीति पूरी तरह बदल सकती है।

 

 

 

New Delhi, November 7 (IANS):         बिहार विधानसभा  (Bihar Assembly) चुनाव के पहले चरण  (phase) में 121 सीटों पर रिकॉर्ड 64.46% मतदान  (voting) हुआ। यह मतदान (voting)  प्रतिशत पिछले चुनावों की तुलना में काफ़ी ज़्यादा  (quite a lot) है, जिससे राजनीतिक  (political) गलियारों में हलचल बढ़ गई है। अगर 11 नवंबर को होने वाले दूसरे और अंतिम चरण  (final stage) की 122 सीटों पर मतदान का यही रुझान जारी रहा, तो यह बिहार की राजनीति को पूरी तरह से बदल सकता है।

 

17 चुनावों का रुझान: मतदान  (voting) बढ़ने पर सत्ता परिवर्तन (change of power)
आज़ादी  (freedom) के बाद हुए कुल 17 विधानसभा चुनावों  (assembly elections) के नतीजों से साफ़ है कि जब भी बिहार में मतदान प्रतिशत 5 प्रतिशत से ज़्यादा बढ़ा या घटा, राज्य में न सिर्फ़ सत्ता परिवर्तन (change of power)  हुआ, बल्कि राजनीतिक   (political) युग का भी बदलाव हुआ।

 

1967: 7% मतदान (voting), राज्य में पहली गैर-कांग्रेसी सरकार।
1980: 6.8% मतदान (voting), कांग्रेस अपने दम पर सत्ता में लौटी।
1990: 5.8% मतदान (voting), लालू यादव और कांग्रेस के नेतृत्व  (Leadership) वाली जनता दल सरकार सत्ता  (government power) से बेदखल।

 

लालू-राबड़ी शासन का अंत और नीतीश का उदय
राजनीतिक जानकारों  (political experts) का मानना ​​है कि इस बार सत्ता नहीं, बल्कि राजनीति पूरी तरह बदल  (change) सकती है। 2005 के विधानसभा चुनाव  (assembly elections) में 16.1% कम मतदान हुआ था, जिसने लालू-राबड़ी के 15 साल के शासन (Government)  का अंत किया और बिहार  (Bihar) को नीतीश कुमार के रूप में एक नया मुख्यमंत्री   (new chief minister) दिया। नीतीश कुमार ने सुशासन  (good governance) की छवि बनाकर पिछले 20 सालों से बिहार की सत्ता पर अपनी पकड़  (grasp) बनाए रखी है।

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