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HINDI NEWS : पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेकर इतिहास रच दिया. इसके साथ ही वह BJPके पहले और देश के दूसरे नेता बन गये हैं, जिन्होंने लगातार सत्ता की हैट्रिक हासिल की है. इससे पहले यह रिकॉर्ड पूर्व पीएम नेहरू के नाम था।
पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और उनकी कैबिनेट का शपथ ग्रहण रविवार (09 जून) को राष्ट्रपति भवन में हुआ। इस दौरान पीएम मोदी समेत 71 मंत्रियों ने पद की शपथ ली. अलग-अलग राज्यों को केंद्र में प्रतिनिधित्व देकर मोदी कैबिनेट में जगह दी गई है. हालांकि इस कैबिनेट में अल्पसंख्यकों को जगह मिली है, लेकिन मुस्लिम समुदाय से कोई चेहरा नहीं है.
HINDI NEWS : आज़ादी के बाद पहली सरकार
मोदी सरकार 3.O की कैबिनेट में एक भी मुस्लिम चेहरे को जगह नहीं मिली है. इसके साथ ही भारत की आजादी के बाद यह पहली केंद्र सरकार है, जिसके मंत्रिमंडल में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व शून्य है। हालाँकि, जुलाई 2022 से मुसलमानों को प्रतिनिधित्व नहीं मिला है, जो जारी है।
HINDI NEWS : तीसरी सरकार में 5 अल्पसंख्यक
मोदी सरकार (Modi government) में अल्पसंख्यक समुदाय से 5 मंत्री बनाए गए हैं, जिनमें किरण रिजिजू और हरदीप पुरी ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली. रवनीत सिंह बिट्टू, जॉर्ज कुरियन और रामदास अठावले ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली। कैबिनेट में शामिल 5 अल्पसंख्यक नेताओं में से एक केरल से, एक अरुणाचल प्रदेश से, एक महाराष्ट्र से और दो पंजाब से आते हैं।
रिजिजू और कुरियन ईसाई समुदाय से हैं, जबकि हरदीप पुरी और बिट्टू सिख समुदाय से हैं। वहीं, रामदास आठवले बौद्ध धर्म से जुड़े हुए हैं। इस तरह मोदी सरकार की नई कैबिनेट में किसी भी मुस्लिम को जगह नहीं दी गई है.
पहले कार्यकाल में तीन मुस्लिम, दूसरे में सिर्फ एक
मालूम हो कि 2014 में जब Narendra Modi पहली बार प्रधानमंत्री बने तो नजमा हेपतुल्ला कैबिनेट मंत्री बनीं और मुख्तार अब्बास नकवी को राज्य मंत्री की जिम्मेदारी मिली. इसके बाद कैबिनेट विस्तार में एमजे अकबर का नाम जोड़ा गया, जिन्हें कैबिनेट में शामिल किया गया. इस तरह के पहले कार्यकाल में तीन मुस्लिम नेता शामिल थे।
इसके बाद 2019 में जब दूसरी बार नरेंद्र मोदी की सरकार बनी तो मुस्लिम चेहरे के तौर पर मुख्तार अब्बास नकवी को ही कैबिनेट में जगह मिली, लेकिन जब जुलाई 2022 में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री के तौर पर नकवी का राज्यसभा का कार्यकाल खत्म हुआ. पार्टी ने उन्हें राज्यसभा नहीं भेजा, तब से केंद्र सरकार में मुस्लिम प्रतिनिधित्व शून्य है.