इस Train में लोगों की जगह ट्रक करते हैं यात्रा, ड्राईवर और क्लीनर की व्यवस्था

By News Desk

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इस Train में लोगों की जगह ट्रक करते हैं यात्रा, ड्राईवर और क्लीनर की व्यवस्था
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Train : अब तक आपने रेलवे में मालगाड़ियाँ देखी होंगी। हम यहां जिस मालगाड़ी की बात कर रहे हैं वह एक या दो नहीं बल्कि सैकड़ों ट्रकों को ढोती है। ये RO-RO ट्रेनें यानी रोल ऑन/रोल ऑफ ट्रेनें सैकड़ों ट्रकों को लेकर रेलवे पर चलती हैं। यह ट्रेन कोंकण रेलवे द्वारा शुरू की गई है। कोंकण रेलवे ने 1999 में रो-रो सेवा शुरू की। यह सेवा ट्रक ड्राइवरों का समय और पैसा दोनों बचाने के लिए शुरू की गई थी।

इस Train में ट्रक मालिकों की लागत होती है कम

ट्रक को सड़क मार्ग से मुंबई से कुछ किलोमीटर दूर सूरथकल स्टेशन तक पहुंचाने में 24 से 40 घंटे लग गए। लेकिन इस दूरी को कम करने के लिए रो-रो ट्रेन सेवाएं उपलब्ध हैं। जिसके बाद यह मार्ग केवल 12 से 22 घंटों में पूरा किया जा सकता है। इससे ट्रक मालिकों की लागत भी कम हो जाती है।

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RO-RO ट्रेन में ड्राईवर और क्लीनर के लिए बेहतरीन सेवा

रोल ऑन रोल ऑफ सेवा वर्तमान में इन स्थानों के बीच संचालित होती है। कोलाड (मुंबई से 145 किमी), वर्ना (मडगांव से 12 किमी), सुरथकल (मैंगलोर से 20 किमी),  कोलाड और सुरथकल मार्गों पर ट्रक चालक ईंधन और समय दोनों बचाते हैं। इस ट्रेन में ट्रक का किराया बहुत सस्ता है। इसमें ट्रकों को ट्रैक से 3.425 मीटर ऊपर समतल सतह पर खड़ा किया जाता है। ट्रक ड्राइवर और क्लीनर अपने ट्रक केबिन में यात्रा करते हैं।

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