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MP NEWS : मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों के संचालन के लिए एक महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है। राज्य में कुल **700 नर्सिंग कॉलेज** हैं, जिनमें से केवल **200 कॉलेज** को ही संचालन के योग्य माना गया है, जबकि **500 कॉलेज** को अयोग्य करार दिया गया है। इस मामले में सीबीआई की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में **159 कॉलेजों** को संचालन के योग्य बताया गया था, लेकिन इस रिपोर्ट पर सवाल उठने के बाद, उच्च न्यायालय के निर्देश पर **दोबारा जांच** की गई। इस नई जांच के बाद केवल **87 कॉलेज** ही संचालन के योग्य पाए गए, और बाकी **73 कॉलेजों** को संचालन के योग्य माना गया।
मुख्य बिंदु:
1.नए मानकों के अनुसार 150 से अधिक कॉलेज संचालन के योग्य पाए गए, जबकि 500 कॉलेज अयोग्य घोषित किए गए हैं।
2. सीबीआई की प्रारंभिक रिपोर्ट में 73 कॉलेजों में खामियां पाई गई थीं, जिनमें से 26 कॉलेजों ने अपनी कमियों को पूरा कर लिया। चार कॉलेजों ने सीबीआई जांच के दबाव में संचालन से इनकार किया है और उन्हें फिलहाल होल्ड पर रखा गया है।
3. **भोपाल** में स्थित **10 नर्सिंग कॉलेजों** में से **5 कॉलेजों** को संचालन के योग्य नहीं माना गया है। हालांकि, **गांधी मेडिकल कॉलेज** और **BMHRC नर्सिंग कॉलेज** ने अपनी कमियों को पूरा किया है और अब उन्हें पात्र माना गया है।
4. **सागर** और **बुंदेलखंड** के नर्सिंग कॉलेजों को भी संचालन के योग्य नहीं माना गया है।
इसके अलावा, **जबलपुर हाई कोर्ट** ने आदेश दिया कि **ग्वालियर बेंच** में लंबित नर्सिंग कॉलेजों से जुड़े **10 मामलों** को जबलपुर मुख्य पीठ में ट्रांसफर किया जाए। अब कोर्ट की ओर से जल्दी जांच पूरी कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।
इस स्थिति के सामने आने के बाद, नर्सिंग कॉलेजों के संचालन के मानकों को लेकर सरकार और संबंधित संस्थाओं के सामने कई गंभीर सवाल खड़े हुए हैं। यह जांच इस बात पर भी प्रकाश डालती है कि नर्सिंग शिक्षा के स्तर को सुधारने की जरूरत है, ताकि कॉलेजों में छात्रों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा मिल सके और स्वास्थ्य क्षेत्र में सक्षम नर्सिंग स्टाफ तैयार हो सके।