MP NEWS : वन नेशन-वन इलेक्शन की केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताई विशेषताएं

By Awanish Tiwari

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MP NEWS : वन नेशन-वन इलेक्शन की केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताई विशेषताएं

आजादी के बाद कई वर्षों तक एक साथ लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव होते रहे लेकिन कांग्रेस ने अपने स्वार्थ के लिए विधानसभाओं को भंग करना शुरू कर दिया।

1.बार-बार होने वाले चुनावों से देश की प्रगति और विकास कार्य प्रभावित होते हैं।

2.एक साथ लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव होते हैं तो बार बार आचार संहिता नहीं लगेगी, विकास कार्य निरंतर चलते रहेंगे।

3.प्रधानमंत्री जी की ऊर्जा और समय की बचत होगी।

4.राजनैतिक दल 5 साल 12 माह हमेशा चुनावी मोड में रहते हैं, इसमें कमी आएगी।

5.मंत्री, मुख्यमंत्री एवं राजनेताओं का समय भी चुनाव की जगह विकास कार्यों एवं जनकल्याण में लग सकेगा।

6.एक साथ लोकसभा और विधानसभा के चुनाव होने से नए लोगों को अवसर मिल सकेगा।

7.बार बार चुनाव के कारण लोक लुभावने वादों की प्रतिस्पर्धा भी समाप्त होगी।

8.अगर लॉन्ग टर्म कोई पॉलिसी बनानी हो, बड़े फैसले लेना हो तो कई बार पार्टियां इसलिए डरती है कि, दूसरे राज्यों में चुनाव हैं तो उसमें नुकसान ना हो जाए। ये डर खत्म होगा।

9.मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में विधानसभा और लोकसभा चुनाव अलग-अलग होते हैं, और जब चुनाव होते हैं तो चुनाव में खर्च भी होता है। केवल चुनाव आयोग के माध्यम से चुनाव को संचालित करने का खर्चा नहीं होता है, राजनैतिक दल भी उम्मीदवार भी, पैसा खर्च करते हैं। इसमें कमी आएगी।

10.प्रशासनिक अधिकारी, सुरक्षा बल, डॉक्टर्स, शिक्षक एवं अन्य कर्मचारियों की बार बार चुनाव में लगने वाली ड्यूटी से मुक्ति मिलेगी।और वे अपने कार्य में निरंतरता रख पाएंगे।

11.जिन राज्यों में चुनाव नहीं होता, वहां भी दूसरे राज्यों के कार्यकर्ता, नेता जाते हैं और केवल राजनेता और कार्यकर्ता ही नहीं जाते हैं, ऑब्जर्वर बनकर दूसरे प्रदेशों अधिकारी भी वहां पहुंचते हैं तो उन राज्यों का भी कामकाज प्रभावित होता है।

12.सुदूरवर्ती क्षेत्र, नक्सल क्षेत्रों में एक साथ चुनाव होने के कारण हमारे सुरक्षाबल बार बार होने वाली चुनावी प्रकियाओं से मुक्त होगें एवं सुरक्षााबलों की हानि भी कम हो सकेगी।

13.एक साथ चुनाव होने से इलेक्शन कमीशन और अधिक नवाचार कर पाएगा।

14.बार-बार चुनाव होने से मतदाताओं में भी उदासीनता देखने को मिलती रही है, हम इस समस्या से भी निजात पा सकेंगे।

15.कोड ऑफ़ कंडक्ट का सही से पालन होने के साथ-साथ चुनावी वैमनस्यता से मुक्ति मिलना, आसामाजिक तत्वों पर रोक लगना, चुनावी तनाव कम होने जैसे कारक भी संभव हो सकेंगे।

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