singrauli breaking news : क्या दौलत के दौड़ में जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि दृष्टिहीन हो गए हैं: ज्ञानेंद्र

By Awanish Tiwari

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singrauli breaking news । खनिज के अवैध उत्खनन एवं परिवहन के साथ ही सिंगरौली जिला अवैध कारोबार का बाजार और आम जिंदगी उस बाजार का खिलौना बनकर रह गई है । शायद ही कोई ऐसा दिन हो जिस दिन सिंगरौली जिले में सड़क हादसे में कोई मृत्यु नहीं होती हो किंतु दौलत के दौड़ में दृष्टिहीन हो चुके सुरक्षा के सरदार और जिले के जनप्रतिनिधियों के पास उनके दुख दर्द सुनने की भी फुर्सत नहीं है। प्रदेश सरकार से अपेक्षा है कि सिंगरौली के सर्वश्रेष्ठ अवैध कारोबार संचालकों को गोल्ड मेडल और जनप्रतिनिधियों को चुल्लू भर जल से पुरस्कृत करने की व्यवस्था अवश्य करें।

जिला कांग्रेस कमेटी सिंगरौली ग्रामीण अध्यक्ष ज्ञानेंद्र द्विवेदी ने अपने एक प्रेस वक्तव्य में कहा है कि सिंगरौली जिला में अवैध कारोबार में अपार दौलत के भंडार ने सिंगरौली जिले के प्रशासन को मौन , पुलिस को सहयोगी ,जनप्रतिनिधियों को दृष्टिहीन और आम जन को अपार साहसी बना दिया है । प्रतिदिन औद्योगिक कंपनियों और सड़क पर लोग दुर्घटना में जान गवा रहे हैं किंतु उनका दुख दर्द सुनाने की भी किसी को फुर्सत नहीं है रविवार 24 नवंबर को निवास में एक अवैध रेत परिवहन के तेज गति हाईवे के पहियों तले एक 16 वर्षी युवक सौरभ जायसवाल को पीस दिया गया जिसपर लोगों का आक्रोश सड़क पर दिखा और आज दूसरे दिन अंतिम संस्कार हो सका है ।

 

जिला प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों के लिए यह मात्र एक दुर्घटना है किंतु वह पिता जो अपने उस इकलौते पुत्र के भविष्य और रोटी की व्यवस्था के लिए दूर देश में मजदूरी कर रहा था खबर मिलते ही उसकी उम्मीदें समाप्त हो गई, आंसू सूख गए,सांस टूटी तो नहीं पर कम आवश्यक हो गई होगी उन पर क्या बीती होगी उस पिता का दर्द एक पिता ही समझ सकता है हृदय हीन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को यह बात समझ से परे है । सुनने में आ रहा है कि जिस वाहन से दुर्घटना हुई है उसके पास रोड टैक्स, बीमा ,परमिट एवं फिटनेस के भी वैध कागज नहीं रहे हैं यदि यह जानकारी सत्य है तो महज ड्राइवर को आरोपी बनाकर होनी को अनहोनी कहना अनुचित है ,परिस्थितियों को देखते हुए पुलिस को गाड़ी मालिक ,खदान संचालक , एवं जिला परिवहन अधिकारी को भी दोष का सहयोगी मानना चाहिए। जिले में हो रहे खनिज के अवैध उत्खनन ,परिवहन और हो रही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन द्वारा कोई कारगर कार्यवाही नहीं करना और दुर्घटना होने पर जिला प्रशासन द्वारा सिर्फ आश्वासन ,पुलिस द्वारा समझौता, और जनप्रतिनिधियों का घटनास्थल से नदारत रहकर ही समाधान किया जा रहा है यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।

जिला कांग्रेस अध्यक्ष द्विवेदी ने कहा है कि आश्चर्य यह है कि आज तक किसी खदान का सीमांकन नहीं हुआ है, किसी को एजेंसी से अनुबंध की जानकारी नहीं है ,खदान से कितनी गहराई तक और कितनी मात्रा में रेत उत्खनन करना है, परिवहन का मार्ग क्या है तथा किन खदानों में कितने-कितने श्रमिक कार्य कर रहे हैं यह सब जानकारी गोपनीय रखना उचित नहीं है जानकारी सार्वजनिक की जानी चाहिए । गुंडागर्दी के दम पर निजी भूमियों ,धार्मिक स्थलों तथा श्मशान घाट तक पर अनैतिक रूप से मार्ग बना कर परिवहन करना विवाद का कारण बन सकता है, जिला प्रशासन से अपेक्षा है कि एक सप्ताह के अंदर इन सभी बिंदुओं की जानकारी सार्वजनिक कर संबंधित ग्राम पंचायत एवं जनपद पंचायत के सूचना पटल पर प्रदर्शित करें साथ ही खदान स्थलों पर भी बोर्ड लगाकर सभी जानकारियो को सार्वजनिक किया जाए अन्यथा जिला कांग्रेस को खदानों से उत्खनन एवं परिवहन रोकने के लिए रास्ता रोको आंदोलन करने की बाध्यता होगी।

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