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केसीसीएल ने सत्तर प्रतिशत से अधिक स्थानीय लोगों को दिया है रोजगार: एचआर हेड
केसीसीएल के एचआर हेड विवेक मिश्रा ने कहा-आये दिन हड़ताल कर बेवजह बनाया जा रहा दबाव, कंपनी अपनी जरूरत के अनुसार ही उपलब्ध करा सकती है रोजगार
अवनीश तिवारी
नई ताकत न्यूज नेटवर्क,
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सिंगरौली। एनसीएल अमलोरी परियोना में ओबी हटाने का काम कर रही केसीसीएल ने परियोजना से विस्थापित परिवारों तथा स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए सदैव प्रयत्नशील रही है। कलिंगा कंपनी ने सत्तर प्रतिशत से अधिक स्थानीय निवासियों को कंपनी में रोजगार दिया है। उक्त बातें कहीं हैं एनसीएल अमलोरी परियोजना में ओबी हटाने का कार्य कर रही केसीसीएल कंपनी के एचआर हेड विवेक मिश्रा ने। श्री मिश्रा ने कहा कि कंपनी में रोजगार की मांग को लेकर कई लोगों द्वारा आये दिन धरना प्रदर्शन किया जा रहा है तथा कंपनी प्रबंधन पर दबाव बनाया जा रहा है कि स्थानीय लोगों को कंपनी में रोजगार दिया जाये परन्तु कंपनी पहले से ही स्थानीय लोगों को रोजगार देने के लिए कृत संकल्पित है। कंपनी ने पालिसी बनाया है कि सबसे पहले सत्तर प्रतिशत से अधिक स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार देना है इसके बाद ही बाहरी व्यक्तियों की भर्ती की जायेगी। श्री मिश्रा ने कहा कि कंपनी भी अपनी क्षमता के अनुसार ही नौकरियां दे सकती है। जहां कंपनी के पास एक हजार लोगों को काम देने की क्षमता है उसमें यदि स्थानीय बेरोजगार ही पच्चीस हजार से ज्यादा है तो हर व्यक्ति को केसीसीएल में रोजगार देना संभव नहीं। उन्होने कहा कि कितने स्थानीय लोगों को रोजगार दिया गया इसकी जानकारी शासन प्रशासन के साथ सार्वजनिक किया गया है।
पारदर्शिता के लिए कंपनी ने सीआईएसएफ गेट के पास बनाया जनसंपर्क कार्यालय
केसीसीएल कंपनी के एचआर हेड विवेक मिश्रा ने बताया कि एनसीएल की अमलोरी परियोजना में अन्य परियोजनाओं से ज्यादा प्रभावित हैं इसलिए यहां विस्थापित बेरोजगारों की संख्या भी ज्यादा है। परियेाजना में जिनकी जमीने गयी हैं उनमें अमझर, नन्दगांव, दसौती, मुहेर, शामिल हैं। माइंस के आस-पास बहुत आबादी है। ऐसे में सबको रोजगार दे पाना कंपनी के लिए संभव नहीं है। उन्होने कहा कि हमारी कंपनी ने सारे दस्तावेज सार्वजनिक किये है। पारदर्शिता के लिए कंपनी द्वारा एक कंटेनर सीआईएसएफ गेट के बाहर रखा गया है जहां आम जनता मिल सकती है। जनता के लिए जनसंपर्क केन्द्र बनाया हुआ है जहां जरूरतमंद भर्ती का बायोडाटा दे सकता है।
कंपनी में रोजगार की संख्या सीमित
कलिंगा एचआर हेड विवेक मिश्रा ने कहा कि केसीसीएल कंपनी ने टेंडर आनलाईन और ग्लोबली पाया है। कंपनी को केन्द्र सरकार द्वारा काम दिया गया है। एनआईटी में नहीं लिखा है कि स्थानीय लोगों को रोजगार देना है इसके बावजूद कंपनी भी जानती है कि यदि स्थानीय लोग धूल, प्रदूषण खायेंगे तो रोजगार पर भी उनका पहला हक है। ऐसे में कंपनी द्वारा स्थानीय लोगों को सत्तर प्रतिशत से ज्यादा रोजगार दिया गया है जिसकी जानकारी भी सार्वजनिक किया गया है। कई लोग आये दिन धरना देकर लोग और भर्तियां करने की बात करते हैं परन्तु हम अपनी जरूरतों के अनुसार ही भर्ती कर सकते हैं। यह किसी कंपनी के लिए संभव नहीं है कि सारे स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार दे सके। जिले में और भी कंपनियां हैं उनसे भी रोजगार की मांग करनी चाहिए।