सिंगरौली न्यूज़ : अदानी कंपनी के ऐश डैम में मजदूर की दर्दनाक मौत, परिजनों का आरोप – बिना सुरक्षा के करवा रहे थे काम, शव छुपाने की भी कोशिश

By Awanish Tiwari

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सिंगरौली: अदानी कंपनी के ऐश डैम में मजदूर की दर्दनाक मौत, परिजनों का आरोप – बिना सुरक्षा के करवा रहे थे काम, शव छुपाने की भी कोशिश

AWANISH TIWARI  सिंगरौली | माड़ा/बधौरा चौकी से विशेष रिपोर्ट: जिले के माड़ा थाना अंतर्गत बधौरा चौकी क्षेत्र में स्थित अदानी कंपनी के ऐश डैम से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। खैरही गांव निवासी अली अख्तर नामक मजदूर की जेसीबी से दबकर मौत हो गई। घटना के बाद परिजनों ने कंपनी पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें बिना सुरक्षा उपायों के काम करवाना और शव को छिपाने की साजिश शामिल है।

 

क्या है पूरा मामला?

अली अख्तर, जो खैरही गांव का निवासी था, अदानी कंपनी के ऐश डैम पर बतौर श्रमिक कार्यरत था।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अली अख्तर पर कार्यस्थल पर जेसीबी मशीन चढ़ गई, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

परिजनों का आरोप है कि हादसे के बाद कंपनी के कर्मचारियों ने शव को बालू में दबाने की कोशिश की, ताकि मामला दबाया जा सके।

 

सुरक्षा नियमों की खुली धज्जियाँ?

परिजनों और स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि:

मजदूरों को सुरक्षा उपकरण (जैसे हेलमेट, जैकेट, गाइडलाइन) दिए बिना काम करवाया जा रहा था।

घटना के समय भी मृतक बिना किसी सुरक्षा गियर के जेसीबी के पास काम कर रहा था।

कंपनी की लापरवाही और अनदेखी की वजह से यह दर्दनाक हादसा हुआ।

 

जिला प्रशासन और कंपनी प्रबंधन पर भी सवाल

परिवार और ग्रामीणों का कहना है कि:

“अदानी कंपनी के खिलाफ प्रशासन कभी कार्रवाई नहीं करता, बल्कि झुक कर खड़ा रहता है।”

 

यह भी कहा जा रहा है कि प्रबंधन ने मामले को दबाने की कोशिश की, लेकिन जब ग्रामीणों ने हंगामा किया, तब जाकर शव बाहर लाया गया।

 

मौके पर भारी पुलिस बल तैनात

घटना के बाद ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।

हजारों की संख्या में लोग अदानी गेट पर जमा हो गए।

माड़ा थाना और बधौरा चौकी से बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर तैनात किया गया है।

 

मांगें क्या हैं?

मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा (कम से कम ₹25 लाख) दिया जाए।

कंपनी और ठेकेदार के खिलाफ FIR दर्ज कर कार्रवाई हो।

अदानी कंपनी द्वारा मजदूरों की सुरक्षा के लिए सख्त नियम लागू किए जाएं।

घटना की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को सज़ा दी जाए।

 

अली अख्तर की मौत ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि प्राइवेट कंपनियों में मजदूरों की जान की कीमत क्या है?
जब तक श्रमिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं दी जाएगी और प्रशासन निष्पक्ष कार्रवाई नहीं करेगा, तब तक ऐसे हादसे रुकने वाले नहीं हैं।

अब देखने वाली बात होगी कि क्या जिला प्रशासन और सरकार अदानी जैसी बड़ी कंपनी के खिलाफ कार्रवाई का साहस दिखा पाएगी या यह मामला भी फाइलों में दफ्न हो जाएगा।

 

 

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