सिंगरौली में सीवरेज लाइन निर्माण बना दुर्घटनाओं का कारण, जिम्मेदार अधिकारी मौन
सिंगरौली।
शहर में सीवरेज लाइन विस्तार के नाम पर हो रहा निर्माण कार्य अब दुर्घटनाओं का कारण बनता जा रहा है। गनियारी स्थित स्टेट बैंक के पास घटित हालिया हादसे ने नगर प्रशासन और निर्माण एजेंसियों की लापरवाही को एक बार फिर उजागर कर दिया है। अधूरी और अनियमित मरम्मत से एक वाहन गहरे गड्ढे में धंस गया, जिससे न केवल यातायात बाधित हुआ, बल्कि राहगीरों और क्षेत्रवासियों में आक्रोश भी देखा गया।
सिर्फ मिट्टी से पाट रहे हैं गड्ढे, सीमेंट-कंक्रीट गायब
शहर में सीवरेज पाइपलाइन डालने के बाद, जिन जगहों पर सड़कों की खुदाई की गई थी, वहां नियमानुसार मरम्मत का कार्य अधूरा छोड़ा जा रहा है। सतह पर महज मिट्टी डालकर खानापूर्ति की जा रही है, जिससे भारी वाहन गुजरते समय गड्ढे में फंस रहे हैं। सीमेंट-कंक्रीट से पुनः भराई का कोई नामोनिशान नहीं है।
ठेकेदार की मनमानी और अधिकारियों की चुप्पी
स्थानीय नागरिकों ने आरोप लगाया है कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता की घोर अनदेखी हो रही है और अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदार मनमानी पर उतर आया है। कोई तकनीकी निरीक्षण नहीं हो रहा है और न ही संविदाकार को सुधारी कार्य प्रणाली अपनाने के लिए टोका जा रहा है।
न चेतावनी बोर्ड, न बैरिकेडिंग – पैदल राहगीर खतरे में
ऐसे निर्माण स्थलों पर बैरिकेडिंग और चेतावनी संकेतक लगाना अनिवार्य होता है, ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके। लेकिन यहां न तो बैरिकेड लगाए गए, न ही कोई चेतावनी बोर्ड नजर आए। यही कारण है कि वाहनों के साथ-साथ पैदल चलने वालों को भी जान का जोखिम उठाना पड़ रहा है।
प्रशासन की निष्क्रियता पर उठे सवाल
स्थानीय निवासियों और दुकानदारों ने यह भी आरोप लगाया है कि प्रशासन को बार-बार शिकायत देने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। इससे साफ है कि या तो नगर निगम और अन्य संबंधित विभागों की इसमें मिलीभगत है या फिर वे पूरी तरह निष्क्रिय और उदासीन हो चुके हैं।
क्या कहते हैं नियम?
मप्र शासन की गाइडलाइन के मुताबिक, सड़क की खुदाई के बाद तत्काल स्थाई मरम्मत करना आवश्यक होता है। जब तक मरम्मत पूरी न हो, तब तक सुरक्षा मानकों के तहत संकेतक, बैरिकेडिंग और रात्रि में लाइटिंग की व्यवस्था अनिवार्य होती है। इन नियमों की लगातार अनदेखी से साफ है कि निर्माण एजेंसी न तो सरकारी दिशा-निर्देशों की परवाह कर रही है और न ही जनता की।
जनता की मांग: कार्रवाई हो
इस घटनाक्रम के बाद स्थानीय नागरिकों ने जिला प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही अधूरी सड़कों की मरम्मत नहीं कराई गई और सुरक्षा उपाय नहीं अपनाए गए, तो वे आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
यह स्थिति बताती है कि कैसे बिना जवाबदेही के निर्माण कार्य जनता के लिए मुसीबत बन रहे हैं। प्रशासन को चाहिए कि वह समय रहते ठेकेदारों पर कार्रवाई करे और नागरिकों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करे।