🏥 स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही से ग्रामीण परेशान: बैरदह सीएचसी की एक्स-रे मशीन 5 वर्षों से ठप
अवनीश तिवारी
नई ताकत न्यूज नेटवर्क
🔍 प्रमुख खबर:
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) बैरदह में लाखों रुपये की लागत से खरीदी गई एक्स-रे मशीन बीते पांच वर्षों से बेकार पड़ी है। कारण है एक्स-रे रेडियोग्राफर की नियुक्ति न होना। ग्रामीणों का आरोप है कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) की उदासीनता और लापरवाही के चलते यह स्थिति बनी हुई है।
📌 स्थिति का विवरण:
पांच साल से निष्क्रिय मशीन: लाखों रुपये की लागत से खरीदी गई आधुनिक एक्स-रे मशीन को स्वास्थ्य केंद्र में स्थापित किया गया था, जिससे क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलने की उम्मीद थी।
रेडियोग्राफर की कमी: एक्स-रे मशीन का संचालन करने के लिए जरूरी रेडियोग्राफर की नियुक्ति अब तक नहीं की गई है। इसके चलते मरीजों को 25 किलोमीटर दूर चितरंगी सीएचसी तक जाना पड़ता है।
सीएमएचओ का रवैया: आरोप है कि सीएमएचओ ने न ही रेडियोग्राफर की नियुक्ति के लिए कोई वैकल्पिक कदम उठाया और न ही कलेक्टर दर पर अस्थायी नियुक्ति की अनुमति दी।
🚑 स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रभाव:
टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत मुफ्त टीबी स्क्रीनिंग के बावजूद बैरदह में एक्स-रे सेवा उपलब्ध न होने से मरीजों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि स्वास्थ्य केंद्र के पास आधुनिक मशीन होने के बावजूद सेवा का लाभ न मिल पाना स्वास्थ्य विभाग की नाकामी को दर्शाता है।
🗣️ प्रशासन की प्रतिक्रिया:
डॉ. एनके जैन (सीएमएचओ, सिंगरौली) का कहना है कि अगले दो-तीन महीनों में व्यापक स्तर पर पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती की जाएगी, जिससे समस्या का समाधान हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि रोगी कल्याण समिति का हर कार्य में हस्तक्षेप करना जरूरी नहीं है।
बैरदह सीएचसी में एक्स-रे मशीन का निष्क्रिय रहना न केवल सरकारी संसाधनों की बर्बादी है, बल्कि ग्रामीणों के स्वास्थ्य अधिकारों का भी हनन है। स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस समस्या का शीघ्र समाधान किए जाने की जरूरत है।