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singrauli news . एंबुलेंस 108 की सेवा मरीजों को नहीं मिल पा रही है। चितरंगी में एक सप्ताह से एंबुलेंस खड़ी हैं। मगर जिला व संभागीय प्रबंधक व्यवस्था नहीं बना पा रहे हैं। स्थिति यह है कि यदि घर में कोई बीमार पड़ जाए या फिर डिलिवरी का मामला है तो एंबुलेंस का इंतजार करना भारी पड़ सकता है। जरूरी नहीं है कि मरीज को लेने के लिए एंबुलेंस पहुंचेगी। वर्तमान में हालात यह हैं कि दो-तीन एंबुलेंस के भरोसे मरीजों को लाने व ले जाने का काम किया जा रहा है।
जिले में अधिक संया में जर्जर हो चुके एंबुलेंस का मेंटीनेंस नहीं कराया जा रहा है। जिससे मरीजों को मिलने वाली 108 की सेवा ठप हो गई है। बतादें कि चितरंगी की स्थिति और खराब है। यहां एक भी एंबुलेंस नहीं चल रही हैं। जबकि एएलएस व बीएलएस सहित जननी मिलाकर कुल 12 एंबुलेंस हैं। मगर मेंटीनेंस के अभाव में सेवा ठप पड़ी है। बताया गया है कि वाहनों को मेंटीनेंस के लिए बुलाया जाता है लेकिन आधा अधूरा मेंटीनेंस होने के बाद उसे फिर से इवेंट पर बुला लिया जाता है। वाहनों का पूरी तरह से मेंटीनेंस नहीं कराया जाता है। अधिकारियों के दबाव में वाहनों को छोड़ना पड़ता है।
एंबुलेंस वाहनों के सुपरवीजन के लिए जिला प्रबंधक आशीष पटेल व संभागीय प्रबंधक के अलावा टीकमगढ़ के जिला प्रबंधक विवेक दुबे को भी सिंगरौली बुलाया गया है। ताकि 108 एंबुलेंस की सेवा सुचारू रूप से संचालित हो सके। फिर भी व्यवस्था पटरी पर नहीं आ रही है।
बरगवां व देवसर में भी स्थिति ठीक नहीं
देवसर में 108 एंबुलेंस सीजी 04 एनयू 5274 का आठ दिन से टायर खराब है। जिसे देवसर थानेे के पास खड़ी कर दिया गया है। कई बार जिमेदारों को अवगत कराया गया लेकिन ध्यान नहीं दिया। जिससे देवसर में भी मरीजों को एंबुलेंस की सेवा नहीं मिल पा रही है। बरगवां की भी एंबुलेंस आठ दिन से वर्कशॉप में खड़ी है। जिससे मरीजों को दिक्कतें हो रही हैं। इधर वैढ़न में कुल छह एंबुलेंस हैं लेकिन संचालित दो हैं।
फैक्ट फाइल
देवसर में दो एंबुलेंस में एक बंद है।
बरगवां में एक बीएलएस थी जो बंद है।
वैढ़न में छह एंबुलेंस थी मगर दो संचालित हैं।
चितरंगी में कुल 12 एंबुलेंस पूरी तरह से बंद हैं।
बताया गया है कि खुरमुचा, पराई व झोकों चितरंगी क्षेत्र में आता है लेकिन कोरसर की एंबुलेंस ाराब होने के कारण बहरी की एंबुलेंस यहां सेवा दे रही है। इधर देवसर में एक एंबुलेंस जो बंद पड़ी है। उसकी मैपिंग पीएससी माड़ा के नाम की है लेकिन देवसर में मरीजों की अधिक संया को देखते हुए सीएमएचओ ने देवसर में संचालित कराने के लिए भेज दिया था।