बंधा कोल माइंस का अवार्ड पारित कर कलेक्टर ने मुआवजा माफियाओं को दिया तगड़ा झटका
355 करोड़ रुपए का बना था मुआवजा
Singrauli News: बंधा कोल माइंस का अवार्ड पारित कर कलेक्टर ने मुआवजा माफियाओं में खलबली मचा दी है। इस क्षेत्र में कुल पांच गांव हैं। जहां कुल 5811 मकान बने हैं। पर 4671 मकान मुआवजा पाने की लालच में माफियाओं ने बनाया था। यहां मकान बनाने वालों में 80 प्रतिशत बाहर के लोग हैं। 3362 मकानों को अवार्ड से बाहर कर दिया गया है।
एमपी के अन्य जिले सहित उत्तरप्रदेश और छत्तीसगढ़ के लोगों ने मुआवजा की लालच में बंधा में मकान बनाया था। 355 करोड़ मुआवजा भी बना था लेकिन, कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला अवार्ड पारित कर उन्हें करारा झटका दिया है। अब अवार्ड से बाहर हुए मकानों को जमींदोज करने की तैयारी चल रही है। बंधा में 812 पुराने मकान थे। शेष 3362 मकान का निर्माण बाद में कराया गया। वहीं कुल मुआवजा 355 करोड़ तैयार हुआ है। बंधा कोल माइंस परियोजना क्षेत्र में अवैध मकानों के निर्माण होने की जानकारी कलेक्टर तक पहुंची। जहां कलेक्टर ने भवनों के सत्यापन के लिए जांच टीम गठित किया। जांच टीम के प्रतिवेदन एवं भौतिक सत्यापन के बाद कलेक्टर ने मुआवजा माफियाओं की मंशा पर पानी फेरते हुए 3362 मकानों को अवार्ड से बाहर कर दिया है।
हकीकत बयां कर रही बंधा की तस्वीर
बंधा गांव में पहुंचने के बाद वहां की हकीकत देखने पर पता चलता है कि यह गांव नहीं है बल्कि यहां तो शहर की तस्वीर दिखाई दे रही है। वजह यह है कि मुआवजा पाने की लालच में बाहर के लोगों ने इतना मकान बना दिया है कि देखने पर साफ साबित होता है कि यह मकान केवल मुआवजा पाने के लिए बनाए गए हैं। कुछ घरों में दरवाजे हैं तो वहीं कुछ में दरवाजे भी नहीं हैं। जहां तक नजर पहुंचेगी सिर्फ मकान ही मकान देखने को मिलता है।
भौतिक सत्यापन में सामने आई सच्चाई
कलेक्टर की गठित टीम ने वैध, अवैध, नवीन एवं पुराने मकानों का भौतिक सत्यापन किया जा रहा था। इस दौरान बंधा कोल ब्लाक में 25 ऐसे मकानों का निर्माण पाया गया जहा आदिवासियों के पट्टे की भूमि पर मकान होना पाया गया। कलेक्टर ने उक्त मकानो को भी अवार्ड से बाहर कर दिया है। अब आदिवासियों के मकानों का मुआवजा लेने की लालच में बनाए जाने वाले मुआवजा माफियाओं की धडकऩें बढ़ गई हैं।