सिंगरौली में कोयला और धूल का बढ़ता प्रदूषण से सांस लेना हुआ मुश्किल, हालत हुई बदतर
Singrauli News: सिंगरौली में कोयला और धूल का प्रदूषण इतनी गंभीर स्थिति में पहुंच गया है कि सड़क पर चलना तक मुश्किल हो गया है। जब भी कोई व्यक्ति सड़क पर निकलता है, तो कोयले की धूल हवा में उड़कर सांस लेने में दिक्कत पैदा कर रही है। आज कल ट्रांसपोर्ट हो रहे कोयला से आस पास के इलाके में चलाना फिरना मुस्किल हो गया है यह प्रदुषण जल्द ही हमें मृत्यु के समीप ला रहा है यह स्थिति बहुत खतरनाक है और इस पर तुरंत नियंत्रण की जरूरत है।
प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए जरूरी उपाय:
1. ट्रकों और कोयला ढुलाई पर सख्ती:
सभी कोयला ढोने वाले ट्रकों को पूरी तरह ढककर चलने के आदेश देने होंगे।
ट्रकों के ओवरलोडिंग पर सख्ती से रोक लगानी होगी ताकि ज्यादा धूल न उड़े।
ट्रांसपोर्ट वाहनों की नियमित सफाई और मेंटेनेंस कराना जरूरी होगा।
2. सड़कों की सफाई और पानी का छिड़काव:
सड़कों पर नियमित रूप से पानी का छिड़काव कराया जाए ताकि धूल न उड़े।
सफाई कर्मचारियों को ज्यादा सक्रिय किया जाए और नियमित सफाई सुनिश्चित की जाए।
3. हरियाली और वृक्षारोपण बढ़ाया जाए:
जहां भी संभव हो, वहां पर पेड़ लगाए जाएं, खासकर सड़कों के किनारे।
इंडस्ट्रियल एरिया और कोयला खदानों के आसपास ग्रीन बेल्ट तैयार की जाए।
4. प्रशासनिक सख्ती और मॉनिटरिंग:
पर्यावरण विभाग को इस पर नजर रखनी होगी और नियमों का सख्ती से पालन कराना होगा।
जो कंपनियां या ट्रांसपोर्टर नियम तोड़ें, उन पर भारी जुर्माना लगाया जाए।
वायु गुणवत्ता मॉनिटरिंग सिस्टम लगाकर प्रदूषण स्तर की निगरानी होनी चाहिए।
5. आम जनता की भागीदारी:
स्थानीय लोग और सामाजिक संगठन प्रशासन पर दबाव बनाएं ताकि सही कदम उठाए जाएं।
जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को प्रदूषण के खतरों और इसके समाधान के बारे में बताया जाए।
अगर इन सभी उपायों को सही तरीके से लागू किया जाए, तो सिंगरौली में बढ़ते प्रदूषण पर कुछ हद तक काबू पाया जा सकता है। लेकिन इसके लिए प्रशासन, उद्योग और आम जनता को मिलकर काम करना होगा, वरना हालात और भी बदतर होते जाएंगे।