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कोयला-राख ढुलाई में नियम कायदे पस्त
खड़िया से बीना तक जाम राहगीरों की बढ़ी फजीहत
केस दर्ज किया, नोटिस दिया, फिर भी व्यवस्था बदहाल
सिंगरौली . कोयला के साथ पावर प्रोजेक्टों से उत्सर्जित राख की ढुलाई में कायदों को पस्त कर दिए जाने से आम जनता के हिस्से में प्रदूषण व जाम आ गया है। रोजाना जाम व कोयले की धूल व राख से जीवन दुश्वार होता जा रहा है। बुधवार को खडिय़ा से लेकर बीना तक मुख्य मार्ग पर राहगीर जाम की समस्या से जूझते रहे।
बीना में स्थिति ज्यादा खराब रही। सुबह ड्यूटी के लिए निकले कर्मचारी, स्कूल जाने वाले छात्र, शिक्षक, मरीज जाम के चलते परेशान हुए। जाम की इसी समस्या पर सख्ती दिखाते हुए पुलिस ने पिछले महीने कोयला क्षेत्र के कुछ जिम्मेदार अधिकारियों सहित ट्रांसपोर्टरों पर केस दर्ज किया था। इसके बावजूद व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ। मुख्य मार्ग पर ओवरलोड राख लेकर चलने वाले ट्रक ट्रेलरों के चालकों द्वारा मुख्य मार्ग पर राख गिराने से पैदा प्रदूषण पर गंभीरता दिखाते हुए क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी यूके गुप्ता ने पावर प्रोजेक्ट प्रबंधन को नोटिस जारी कर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) व केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशा निर्देशों का अनुपालन करने को कहा था लेकिन इसका भी कोई असर नहीं पड़ा। क्षेत्र के रहवासी कमलेश कुमार, कल्लू गिरी, धर्मेंद्र, गणेश मिश्रा, हेमंत आदि का आरोप है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड महज खानापूर्ति कर रहा है। समस्या पर जिम्मेदार गंभीर नहीं हैं।