T20 World Cup: अगले साल जून से अमेरिका (USA) और वेस्टइंडीज (वेस्टइंडीज) में टी20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup) शुरू होने जा रहा है. टूर्नामेंट के लिए भारतीय टीम की भी घोषणा कर दी गई है. टीम इंडिया अपने अभियान की शुरुआत 5 जून को आयरलैंड के खिलाफ मैच से करेगी. इसके बाद भारत और पाकिस्तान (IND vs PAK) की टीमें 9 जून को न्यूयॉर्क में आमने-सामने होंगी. यह मैच न्यूयॉर्क में मैनहट्टन के पूर्व में नासाउ काउंटी के आइजनहावर पार्क में अत्याधुनिक 34,000 सीटों वाले मॉड्यूलर स्टेडियम में ड्रॉप-इन पिच पर खेला जाएगा। जिसके चलते फ्लोरिडा में पिछले 6 महीने से खास तैयारियां की जा रही हैं.
आपको बता दें कि न्यूयॉर्क में कई अहम मुकाबले खेले जाएंगे. इसके लिए स्टेडियम को तैयार किया जा रहा है. इस स्थान पर विश्व कप के सभी मैच ड्रॉप-इन पिचों पर खेले जाएंगे, जो 1846 किलोमीटर दूर फ्लोरिडा में तैयार की जा रही हैं, ज्यादातर पिचें तैयार हो चुकी हैं, जिन्हें न्यूयॉर्क लाया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक दिसंबर से फ्लोरिडा में 10 ड्रॉप इन पिचें बनाई जा रही थीं. इन पिचों का निर्माण एडिलेड ओवल टर्फ सॉल्यूशंस के मार्गदर्शन में किया जा रहा है, जिसका नेतृत्व एडिलेड ओवेन्स के मुख्य क्यूरेटर डेमियर हॉग कर रहे हैं। आईसीसी की ओर से जारी बयान के मुताबिक, 4 पिचें नासाउ स्टेडियम में जबकि 6 पिचें पास के अभ्यास क्षेत्रों में लगाई जाएंगी |
What is drop-in pitch?
ड्रॉप-इन पिच वह पिच होती है जो मैदान या आयोजन स्थल से कहीं दूर बनाई जाती है और बाद में स्टेडियम में लाकर बिछा दी जाती है। एक ही फ़ील्ड का उपयोग कई अलग-अलग प्रकार के खेलों में किया जा सकता है। पर्थ WACA क्यूरेटर जॉन माले ने सबसे पहले 1970 के दशक में ऑस्ट्रेलियाई व्यवसायी केरी पैकर द्वारा आयोजित विश्व सीरीज क्रिकेट मैचों के लिए ड्रॉप-इन पिचें बनाईं। यही कारण है कि ऑस्ट्रेलिया में सबसे ज्यादा ड्रॉप इन पिचों का इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि यहां के मैदानों में सिर्फ क्रिकेट ही नहीं बल्कि फुटबॉल, रग्बी भी खेला जाता है। ऐसे में जब एक बार क्रिकेट सीजन खत्म हो जाता है तो पिचों में आई गिरावट को दूर किया जाता है और पहले रेत और फिर कृत्रिम घास उगाई जाती है ताकि मैदान दोबारा इस्तेमाल के लिए तैयार हो जाए |
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