बाजार का रुख अगले सप्ताह कंपनियों की तीसरी तिमाही के नतीजों से तय होगा

By नई ताकत न्यूज

Published on:

Click Now

मुंबई (ईएमएस)। अमेरिका (America) में जारी होने वाले महंगाई के आंकड़ों के इंतजार में विश्व बाजार (world market) के मिलेजुले रुख के बीच आईटी और टेक समूह में हुई जबरदस्त लिवाली की बदौलत बीते सप्ताह आधे प्रतिशत से अधिक मजबूत रहे घरेलू शेयर बाजार पर अगले सप्ताह कंपनियों के चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के आने वाले नतीजों का असर रहेगा।

बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 542.3 अंक की तेजी के साथ सप्ताहांत पर 72568.45 अंक हो गया। इसतरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 183.75 अंक उछलकर 21894.55 अंक पर पहुंच गया।
समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज और मझौली कंपनियों से अधिक छोटी कंपनियों के शेयरों में लिवाली हुई। इससे मिडकैप 168.88 अंक अर्थात 0.45 प्रतिशत चढ़कर सप्ताहांत पर 37875.43 अंक और स्मॉलकैप 684.31 अंक की छलांग लगाकर 44503.70 अंक रहा।

विश्लेषकों के अनुसार, IT sector  की तीसरी तिमाही के उम्मीद से बेहतर नतीजों के साथ-साथ वित्त वर्ष 2025 में बीएफएसआई के लिए बेहतर आउटलुक के कारण आईटी सेक्टर में रिकवरी के हरे संकेत ने बीते सप्ताह घरेलू बाजार की भावनाओं को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया।

दूसरी ओर, लाल सागर क्षेत्र में संघर्ष और बढ़ने के कारण तेल की कीमतें बढ़ गई हैं। घरेलू स्तर पर दिसंबर में महंगाई अनुमान से थोड़ा कम जबकि औद्योगिक उत्पादन (IIP) में उम्मीद से अधिक गिरावट देखी गई। अगले सप्ताह निवेशकों की नजर कंपनियों के वित्त वर्ष 2023-24 की दिसंबर में समाप्त हुई तीसरी तिमाही के नतीजों पर रहेगी। कंपनियों की आय में बढ़ोतरी का समग्र पूर्वानुमान सकारात्मक बना हुआ है।

अगले सप्ताह उद्योगपति मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ ही दिग्गज बैंकों आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, इंडसइंड बैंक, कोटक बैंक, फेडरल बैंक, महाराष्ट्र बैंक, सेंट्रल बैंक, यूनियन बैंक तथा एशियन पेंट, हिंदुस्तान यूनिलीवर और अल्ट्रासिमको के तिमाही नतीजे आने वाले हैं।

इसके अलावा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के रुख का भी बाजार पर असर रहेगा। एफपीआई के रुख को लेकर वित्तीय सलाह देने वाली कंपनी मुख्य निवेश रणनीतिकार का कहना है कि दिसंबर 2023 के दौरान एफपीआई का निवेश प्रवाह की तेजी जनवरी 2024 की शुरुआत में धीमी पड़ गई। एनएसडीएल के आंकड़ों के मुताबिक, 13 जनवरी तक स्टॉक एक्सचेंजों के जरिए कुल एफपीआई निवेश 2743 करोड़ रुपये रहा।

मुख्य निवेश रणनीतिकार ने बताया कि एफपीआई बीते दिसंबर में वित्तीय सेवाओं और आईटी में भी बड़े खरीददार रहे। उन्होंने ऑटो, कैपिटल गुड्स, तेल एवं गैस और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों में भी खरीददारी की। एफपीआई का यह रुख आगे भी जारी रहने की संभावना है। वर्ष 2024 में अमेरिकी ब्याज दरों में और गिरावट देखने की उम्मीद है, इस कारण एफपीआई द्वारा 2024 में भी खासकर लोकसभा चुनाव से पहले निवेश बढ़ाये जाने की संभावना है।

Bajaj Pulsar N250 का चार चाँद लगाने वाला मॉडल लॉन्च हो गया है, इसके स्मार्ट फीचर्स और दमदार इंजन कीमत

 

1980 के दशक में Royal Enfield 350 की कीमत थी इतनी ज्यादा, बिल की तस्वीर देख हैरान रह जाएंगे आप

Leave a Comment