रामलला प्राण-प्रतिष्ठा : कांग्रेस के चुनाव प्रेरित राजनीति आरोप को पुजारी ने बताया धर्मनीति

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी की चुनाव प्रेरित भाजपा राजनीति आरोप पर मंदिर पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास का खण्डन

नई दिल्ली (ईएमएस)। अयोध्या में रामलला प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की चुनाव प्रेरित भाजपा राजनीति बताने के आरोप पर सियासत गरमा गई है।

विपक्ष के आरोपों के बीच राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास की प्रतिक्रिया आई है। श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा कि यह ‘राजनीति’ नहीं है; यह ‘धर्मनीति’ (धर्म मार्ग) है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, ‘यह राजनीति नहीं है; यह धर्मनीति है। वे प्रधानमंत्री के बारे में अनाप-शनाप बोलते रहते हैं। भाजपा उसका जवाब देगी। हालांकि, मैं ‘धर्मनीति’ से जुड़ा हूं। मुझे बस ‘राम भक्तों’ की सेवा करनी है। मैं एक पुजारी हूं और मेरा राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है।

गौरतलब है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि अयोध्या में 22 जनवरी के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ कार्यक्रम को ‘चुनावी, राजनीतिक और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं आरएसएस का कार्यक्रम’ बना दिया गया है।

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को अब विपक्ष लोकसभा चुनाव से जोड़ रहा है और विपक्षी दल इसकी टाइमिंग को लेकर भाजपा पर सवाल उठा रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि अयोध्या में 22 जनवरी के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ कार्यक्रम को ‘चुनावी, राजनीतिक और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं आरएसएस का कार्यक्रम’ बना दिया गया है, जिस वजह से पार्टी के प्रमुख नेताओं ने इसमें शामिल नहीं होने का फैसला किया। उन्होंने दावा किया कि यह चुनावी कार्यक्रम है, और इसके जरिये ‘चुनावी माहौल’ तैयार किया जा रहा है। उनका कहना था कि कांग्रेस पार्टी का कोई भी व्यक्ति जो भी दर्शन के लिए जाना चाहता है, वह जा सकता है।

अयोध्या में ‘प्राण प्रतिष्ठा’ कार्यक्रम से जुड़े सवाल पर राहुल गांधी ने कहा, ‘राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा ने 22 जनवरी के कार्यक्रम को पूरी तरह से राजनीतिक और ‘नरेंद्र मोदी फंक्शन’ बना दिया है। यह संघ और भाजपा का कार्यक्रम बन गया है। यही कारण है कि कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वह इस कार्यक्रम में नहीं जाएंगे।’ उन्होंने कहा, ‘हम सभी धर्मों के साथ हैं। हिंदू धर्म से जुड़े सबसे प्रमुख लोगों (शंकराचार्य) ने भी अपने विचार प्रकट किए हैं कि यह एक राजनीति कार्यक्रम है। इसलिए हमारे लिए ऐसे किसी कार्यक्रम में जाना बहुत मुश्किल है जिसे प्रधानमंत्री और संघ के इर्द-गिर्द तैयार किया गया है।’

 

 

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