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भोपाल (ईएमएस)। मध्यप्रदेश में पटवारी भर्ती में धांधली के आरोपों की जांच पूरी हो चुकी है। जांच के लिए गठित जस्टिस राजेंद्र वर्मा आयोग ने सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है। जांच में नौ हजार से अधिक पटवारी के पदों के लिए हुई भर्ती प्रक्रिया पर संदेह नहीं जताया गया है। अब रिपोर्ट पर अंतिम निर्णय सरकार लेगी। इसके बाद इसे विधानसभा में प्रस्तुत किया जाएगा। संभावना है कि जल्द ही सफल अभ्यर्थियों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो सकता है।
15 मार्च से 26 अप्रैल 2023 तक नौ हजार से अधिक पटवारी पद के लिए प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीइबी) द्वारा परीक्षा आयोजित की थी। 30 जून को परिणाम घोषित हुए। ग्वालियर के एक ही सेंटर से दस में से सात टापर के नाम सामने आने पर प्रश्न उठे। अभ्यर्थियों ने इंदौर सहित प्रदेश के अलग-अलग शहरों में प्रदर्शन किया। कांग्रेस ने भी धांधली के आरोप लगाए। सूत्रों का कहना है कि इसमें भर्ती प्रक्रिया पर संदेह नहीं जताया गया है।
सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि रिपोर्ट पर अब सरकार को निर्णय लेना है। उधर, विभाग ने अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर रुके परिणामों पर विभागों को मार्गदर्शन दिया है कि वे 14 प्रतिशत आरक्षण के अनुसार परिणाम घोषित करें। बता दें कि तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जस्टिस राजेंद्र वर्मा की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच आयोग गठित कर 31 अगस्त तक रिपोर्ट देने के आदेश दिए थे, लेकिन जांच पूरी नहीं हुई और तीन बार अवधि बढ़ाई गई। अब आयोग ने मुख्य सचिव वीरा राणा को रिपोर्ट सौंप दी है।
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