हरिद्वार: सुभाष घाट की दुकान में घुसा 6 फीट लंबा अजगर, वन विभाग ने सुरक्षित किया रेस्क्यू

By Awanish Tiwari

Published on:

Click Now

हरिद्वार: सुभाष घाट की दुकान में घुसा 6 फीट लंबा अजगर, वन विभाग ने सुरक्षित किया रेस्क्यू

हरिद्वार, 8 मई | विशेष संवाददाता
पवित्र नगरी हरिद्वार के सुभाष घाट स्थित एक रत्न-शंख की दुकान में उस समय अफरातफरी मच गई जब दुकानदार ने ग्राहकों को सामान दिखाते वक्त काउंटर में एक 6 फीट लंबा अजगर देखा। शंखों के बीच छिपकर बैठे इस विशाल सांप की मौजूदगी से कुछ देर के लिए दुकान और आसपास के इलाके में हड़कंप मच गया।


 हड़कंप: हर की पैड़ी पर अजगर की दस्तक

हर की पैड़ी से महज कुछ कदम की दूरी पर स्थित रत्न-शंख की इस दुकान में रोज़ाना सैकड़ों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं। लेकिन बुधवार दोपहर की इस घटना ने अचानक माहौल बदल दिया। दुकानदार ने बताया कि वह एक ग्राहक को शंख दिखा रहा था तभी उसकी नजर एक कोने में पड़े हलचल करते अजगर पर गई। घबराहट के बावजूद उसने तुरंत वन विभाग को सूचना दी।

जैसे ही खबर फैली, सुभाष घाट पर मौजूद दुकानदार और श्रद्धालु दूरी बनाकर खड़े हो गए। स्थिति को देखते हुए हरिद्वार वन विभाग की क्यूआरटी (क्विक रिस्पॉन्स टीम) कुछ ही मिनटों में मौके पर पहुंची और पूरे एहतियात के साथ अजगर को काउंटर से बाहर निकाला


रेस्क्यू ऑपरेशन सफल, अजगर को जंगल में छोड़ा गया

वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक यह अजगर गैर विषैला था और संभवतः भोजन की तलाश में गलती से भीड़-भाड़ वाले इलाके में आ गया। टीम ने करीब 30 मिनट के प्रयासों के बाद अजगर को सुरक्षित पकड़कर पास के जंगल क्षेत्र में छोड़ दिया।

रेस्क्यू टीम के एक सदस्य ने बताया, “यह सामान्य भारतीय अजगर था, जो किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता जब तक उसे छेड़ा न जाए। सौभाग्य से समय रहते हमें सूचना दे दी गई, जिससे किसी प्रकार की दुर्घटना नहीं हुई।”


श्रद्धालुओं में राहत, वन विभाग की तत्परता की सराहना

घटना के बाद श्रद्धालु और दुकानदारों ने वन विभाग की तत्काल कार्रवाई और सूझबूझ की जमकर सराहना की। इलाके में कुछ समय के लिए भय का माहौल जरूर रहा, लेकिन अब स्थिति सामान्य हो चुकी है।

यह घटना हरिद्वार जैसे धार्मिक पर्यटन स्थल पर वन्यजीवों की उपस्थिति और उनके संवेदनशील रेस्क्यू की आवश्यकता को रेखांकित करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि गर्मियों के मौसम में अक्सर सरीसृप शहरी क्षेत्रों की ओर भटक जाते हैं, ऐसे में सजगता और सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है।

 

Leave a Comment