भोपाल रेप केस में खुलासा, हवस हैवानियत और ज़हर से भरा सच, पीड़िताओं को जबरन मांस खिलाने का सनसनीखेज खुलासा
Bhopal Gang Rape Case: मुस्लिम युवक एक बार फिर हैवानियत पर उतार पाए है क्योकि इस बार उन्होंने हिन्दू लडकियों पर अत्याचार व हवस से फरे अपने मन को संतुस्ट किया और उनके धर्म पर भी करारा प्रहार किया क्योकि आरोपी युवकों ने अनाथ बहनों के साथ छेड़छाड़ की तथा उनके और उनके धर्म के बारे में अपशब्द कहे। उसने उन्हें मांस खिलाकर तथा मारिजुआना देकर जबरदस्ती उनका अपमान भी किया।
आरोपियों ने पीड़ितों को धर्म परिवर्तन (लव जिहाद) के लिए प्रताड़ित भी किया। जहांगीराबाद इलाके में दो बहनों के साथ ऐसी दरिंदगी हुई है कि सुनने वाले की भी रूह कांप जाए। मूल रूप से बतूल निवासी 24 वर्षीय युवती ने बताया कि वह टीआईटी कॉलेज भोपाल में बीटेक की छात्रा है।
दोस्त के घर पर युवती से बलात्कार
2022 में, अपने अध्ययन के दूसरे वर्ष के दौरान, उनकी मुलाकात उसी कॉलेज के फरहान खान से हुई। फरहान ने उससे दोस्ती कर ली। वह लड़की को अन्य कॉलेज मित्रों के साथ जहांगीराबाद स्थित अपने एक मित्र के घर ले गया। वहां उसने लड़की के साथ बलात्कार किया और उसका वीडियो बना लिया।
जब छात्रा को वीडियो के बारे में पता चला तो फरहान ने उससे कहा कि वह उससे प्यार करता है। यदि वह उसका पीछा नहीं करेगी तो वह वीडियो वायरल कर देगा। वर्ष 2024 में फरहान ने उसे ब्लैकमेल किया और अपने दोस्त अबरार के साथ संबंध बनाने के लिए मजबूर किया।
छोटी बहन से भी
पीड़िता ने बताया कि घटना के दौरान उसने अपने परिवार में किसी से बात नहीं की थी। वह अपनी बहन के साथ अशोका गार्डन(Ashoka Garden) में रहती थी। पीड़िता ने बताया कि उसकी छोटी बहन भी पिछले साल कुछ दिनों के लिए लापता हो गई थी। जब उसने कारण पूछा तो उसने बताया कि फरहान ने उसके साथ बलात्कार किया है और उसे प्रताड़ित कर रहा है।
इसके अलावा उसने अपनी बड़ी बहन को भी सभी प्रकार की यातनाओं के बारे में बताया। जब पीड़िता को दूसरे दिन पता चला कि कॉलेज की एक अन्य युवती ने फरहान के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, तो उसने शिकायत दर्ज कराने का साहस जुटाया।
अधिकारियों ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया
उल्लेखनीय है कि Bhopal में एक धर्म विशेष की युवतियों को निशाना बनाकर उनके साथ दुष्कर्म करने के मामले ने पुलिस की बोलती बंद कर दी है। मामला दर्ज होने के बाद से पुलिस अधिकारियों ने इसे media से छुपाए रखा। किसी तरह, जब यह खुलासा हुआ तो पुलिस कमिश्नर के अलावा सभी जांच अधिकारी कुछ भी कहने से बचते रहे। जिन थानों में मामले दर्ज थे, वहां के थाना प्रभारियों ने फोन उठाना बंद कर दिया।