इंदौर मॉडल कारगर… अब सौर ऊर्जा से शहरों में पानी सप्लाई
भोपाल. प्रदेश में इंदौर के बाद सभी नगर निगमों में जलापूर्ति की व्यवस्था सौर ऊर्जा पर शिफ्ट होगी। इंदौर की तरह ग्रीन बॉण्ड के जरिए दूसरे निगम भी रुपए जुटाएंगे। इस राशि से सौर ऊर्जा प्लांट लगाएंगे और जलापूर्ति व्यवस्था इस पर शिफ्ट करेंगे। इससे निगमों को बिजली के बिल पर आने वाला करोड़ों का खर्च बचेगा। इंदौर में यह प्रयोग प्रारंभिक स्तर पर सफल हो चुका है। अब भोपाल व जबलपुर में ग्रीन बाण्ड पर काम होना है। इनके बाद बाकी निगमों में काम होगा। जलापूर्ति पर भारी-भरकम बिजली बिल के खर्च बचाने के लिए 4 साल से कवायद हो रही है। इंदौर ने उम्मीद जगाई तो सरकार इस मॉडल पर 2023 से ही काम करने लगी। लेकिन विधानसभा चुनाव में यह अटक गई। जुलाई 2024 में मोहन सरकार ने नगरीय प्रशासन विभाग की बैठक में इस पर चर्चा की। इसी साल मार्च में विधानसभा सत्र के दौरान भी प्रमुख शहरों में सौर ऊर्जा संयंत्रों पर दावे किए। अब सरकार ने पिछले ही हफ्ते विभागीय बैठक में चर्चा की। सभी नगर निगमों से कार्ययोजना मांगी है।
अब यहां ऐसी तैयारी
इंदौर के ग्रीन बॉण्ड मॉडल की सफलता देख दूसरे निगमों में भी इसे लागू करने योजना बनाई। तीन चरण की योजना में भोपाल में बड़ा तालाब किनारे सौर ऊर्जा पैनल का प्रयोग किया है। अब जलापूर्ति का भार सौर ऊर्जा पर शिफ्ट करने की तैयारी है। ग्रीन बॉण्ड से राशि जुटाई जाएगी। जबलपुर में 200 करोड़ के ग्रीन बॉण्ड को निगम ने बजट में पेश किया है। ग्वालियर में भी काम होना है।