सिंगरौली-रीवा संभाग और भोपाल स्वास्थ्य विभाग की एक टीम ने सिंगरौली जिले के ट्रॉमा सेंटर का शनिवार को औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए। शिशु रोग विशेषज्ञ कल्पना रवि ने बताया कि अप्रैल से जुलाई के बीच ट्रॉमा सेंटर में कुल 409 बच्चे भर्ती हुए। इनमें से 285 बच्चे स्वस्थ होकर घर लौट गए। 20 बच्चों को डॉक्टर की सलाह पर उनके परिजन वापस ले गए। 32 बच्चों को अन्य अस्पतालों में रेफर किया गया।
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72 बच्चों की मौत हो गई, जो भर्ती हुए कुल बच्चों का 17 प्रतिशत है। डॉ. रवि ने स्वास्थ्य व्यवस्था में कई कमियों की ओर इशारा किया। उनके अनुसार, फील्ड में डॉक्टरों की कमी है। तहसीलों और दूरदराज के इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं पर्याप्त नहीं हैं। महिलाओं की देखभाल के लिए स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं हैं।
अस्पतालों में आधुनिक संसाधनों का अभाव है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी पीएस ठाकुर ने बताया कि टीम द्वारा सुझाए गए बिंदुओं पर काम किया जा रहा है। संवादहीनता को दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग को जल्द ही स्थिति में सुधार की उम्मीद है। रीवा और भोपाल से स्वास्थ्य विभाग की एक संयुक्त टीम 15 अगस्त को सिंगरौली पहुँची थी। उन्होंने यहाँ से आँकड़े एकत्र किए और फिर उन्हें भोपाल ले गए। भोपाल में जब विश्लेषण किया गया, तो आँकड़े सामने आए कि किस तरह यहाँ मासूम बच्चे मर रहे हैं।